महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के जेवनाला गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि छात्र घरों से दूर पेड़ों पर जाकर ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
जिले के लेखनी शहर से 18 किलोमीटर दूर जेवनाला गाँव में रहने वाले अतुल गोंधले हर सुबह पॉलीटेक्निक की अपनी ऑनलाइन क्लास से पहले इसी तरह तैयार होते हैं और फिर खेतों के रास्ते गाँव के दूसरे छोर पर मौजूद इस पेड़ तक पहुंचते हैं, जिसे गांववाले नेटवर्क ट्री कहते हैं.
इलाके के इकलौते मोबाइल टावर से करीब 200 मीटर की दूरी पर मौजूद यह पेड़ ही गांव के छात्रों के लिए अकेली जगह है जहाँ उन्हें नेटवर्क मिल पाता है. तो गांव के छात्र यहीं आकर अपनी पढ़ाई करते हैं.
तेज़ धूप हो या भारी बारिश, छात्रों को अगर पढ़ाई करना हो, तो उन्हें यहीं आना पड़ता है. घर या दूसरी जगहों पर फोन में नेटवर्क नहीं होता है. लिहाजा 15 महीनों से गांव के करीब 150 छात्र ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अपनी कॉपी, मोबाइल, पेन, हेडफोन लेकर यहाँ पहुँच जाते हैं. या तो उन्हें कहीं और जाना पड़ता है.
सरकारों ने कोरोना के कारण पढ़ाई को ऑनलाइन कराने का फैसला तो किया, लेकिन सरकार ने यह पता लगाने की शायद कोशिश भी नहीं की कि क्या भारत के सभी हिस्सों में इस तरह की पढ़ाई करने के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएं मौजूद भी हैं या नहीं.
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