केंद्र सरकार के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों की सरकारें स्वच्छता को लेकर अपने-अपने स्तर पर कोशिशें कर रही हैं. लेकिन इस सबके बावजूद खुले में शौच की समस्या से राहत मिलती नहीं नजर आ रही है. अब इस स्थिति को देखते हुए बेंगलुरु नगर निगम ने एक ऐसा फैसला लिया है जो आपको हैरान कर देगा. बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने खुले में शौच की समस्या से निपटने के लिए एक अनोखी तरकीब निकाली है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नगर पालिका ने शहर में अलग-अलग जगह दीवारों पर शीशे लगवाए हैं जिससे सड़क किनारे शौच करने वालों को शर्मिंदगी हो. इंदिरानगर के ईएसआई अस्पताल के कंपाउंड की एक दीवार पर जहां आमतौर पर बहुत बदबू आया करती थी वहां 8X4 का एक शीशा लगाया गया है. शहर के और भी कई हिस्सों में इस तरह से शीशे लगाए गए हैं. नगर निगम की योजना है कि शहर में और भी जगह इस तरह शीशे लगवाए जाएं.
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यही नही शीशों पर एक क्यूआर कोड भी लगाया गया है जिसे स्कैन कर नजदीकी शौचालय के बारे में पता चल जाएगा. बेंगलुरू मिरर को महानगर पालिका के कमिश्नर बीएच अनिल कुमार ने कहा कि हम ऐसे लोगों को सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा करना चाहते हैं जो इस तरह खुले में शौच करते हैं. इस दिशा में दीवार पर शीशे लगवाना एक अच्छा आइडिया है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि खुले में शौच करने जैसी चीजों से शहर की छवि खराब होती है. इन सब चीजों के चलते लोगों का फुटपाथ पर चलना मुश्किल हो जाता है और लोगों को मजबूरन सड़क पर चलना पड़ता है. हमने लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए बहुत से प्रयास किए, जुर्माना लगाने का भी नियम बनाया लेकिन इससे कुछ फर्क पड़ता नजर नहीं आया.
BENGALURU, LOOK BEFORE YOU PEE: PUBLIC SHAMING TO PREVENT PUBLIC URINATION#Kudos to #BBMP#Bengaluru #swacchbengaluru @BBMP_MAYOR @hd_kumaraswamy @BJPKarITCell @BSYBJP @Office_of_BSY pic.twitter.com/o71JfdB6ig
— ರಾಧಾ ಕೃಷ್ಣ (@im_vinodhraj11) January 14, 2020
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इससे पहले दीवारों पर देवी देवताओं की तस्वीरें लगाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे हथकंडे भी आजमाए जा चुके हैं लेकिन इस सब का कोई असर नहीं दिखा. अधिकारी ने बताया कि लोग खुद को खुले में शौच करते शीशे में देखेंगे तो उनको शर्मिंदगी महसूस होगी.
बता दें कि महानगर पालिका को हर एक शीशे की कीमत 2 लाख के आस पास पड़ रही है और इन शीशों को आसानी से कहीं भी यहां से वहां लगाया जा सकता है.
जब कमिश्नर अनिल कुमार से पूछा गया कि उनको यह आइडिया कहां से मिला तो उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण मीटिंग में हम खुले में शौच से निजात पाने पर विचार कर रहे थे. हमारी क्रिएटिव टीम को यह काम दिया गया कि कोई आइडिया लेकर आए, जिसके बाद शीशे लगाने के आइडिया को फाइनल किया गया.
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