ब्रिटिश मूल की सिख सेना अधिकारी प्रीत चंडी (Sikh army officer Preet Chandi) ने अकेले दक्षिणी ध्रुव (South Pole) का सफर पूरा करने वाली पहली "गैर श्वेत महिला" बनकर इतिहास रच दिया है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, चंडी का साहसिक कार्य पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ, जब उन्होंने अंटार्कटिका के हरक्यूलिस इनलेट से असमर्थित अपनी यात्रा शुरू की. उसने अगले कुछ सप्ताह अंटार्कटिका में अकेले स्कीइंग करते हुए बिताए और 3 जनवरी को घोषणा की कि उन्होंने 40 दिनों में 700 मील (1126 किमी) का ट्रेक पूरा कर लिया है. प्रीत चंडी ने अपने ब्लॉग पर बताया, "अभी बहुत सारी भावनाओं को महसूस कर रही हूं ..."
इससे पहले चंडी ने कहा था, "अंटार्कटिका पृथ्वी पर सबसे ठंडा, सबसे ऊंचा, सबसे शुष्क और सबसे हवा वाला महाद्वीप है. वहां कोई भी स्थायी रूप से नहीं रहता है. जब मैंने पहली बार योजना बनाना शुरू किया था तो मुझे महाद्वीप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और इसी ने मुझे वहां जाने के लिए प्रेरित किया." उन्होंने अपने दक्षिणी ध्रुव की यात्रा अभियान की तैयारी में ढाई साल बिताए, जिसमें फ्रेंच आल्प्स में क्रेवास प्रशिक्षण और आइसलैंड में ट्रेकिंग शामिल है.
अपने अंटार्कटिका अभियान के दौरान, भारतीय मूल की ब्रिटिश सेना अधिकारी ने एक पुल्क या स्लेज ढोया, जिसका वजन लगभग 90 किलोग्राम था और उसके पास किट, ईंधन और भोजन था. ब्रिटिश सेना के जनरल स्टाफ के चीफ ने चंडी को उनके ट्रेक के पूरा होने पर बधाई दी, उनकी तारीफ "धैर्य और दृढ़ संकल्प के प्रेरक उदाहरण" के रूप में की.
Congratulations to @PreetChandi10 on the completion of her 700-mile unsupported trek to the South Pole. An inspirational example of the grit and determination of our soldiers. Well Done! @BritishArmy pic.twitter.com/uLxYgLCGPd
— The Chief of the General Staff (@ArmyCGS) January 3, 2022
दक्षिणी ध्रुव की यात्रा पूरी करने के बाद उन्होंने अपने ब्लॉग पर घोषणा की, "यह अभियान हमेशा मुझसे कहीं अधिक था. मैं लोगों को अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं." "मैं सिर्फ कांच की छत को तोड़ना नहीं चाहती, मैं इसे एक लाख टुकड़ों में तोड़ना चाहती हूं."
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