लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की ऐसी लहर चली कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हमेशा से प्रतिष्ठा की सीट रही अयोध्या भी नहीं बचा सकी। भाजपा पिछले पांच चुनावों से यह सीट जीतती आ रही थी लेकिन इस दफा सपा के युवा उम्मीदवार तेज नारायण पांडेय ऊर्फ पवन पांडेय ने लल्लू सिंह की चूलें हिला दी।
पवन पांडेय ने लल्लू सिंह को 5405 मतों से पराजित किया। लल्लू सिंह को 49,859 मत मिले जबकि पवन पांडेय को 55,262 मत मिले।
लल्लू सिंह 1991 से लगातार पांच बार यहां से चुनाव जीत चुके थे और लगातार छठी बार विधानसभा पहुंचने का उनका सपना अधूरा रह गया।
लल्लू सिंह के करीबियों का दावा था कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी वह सीट जीत लेंगे, क्योंकि उनके साथ श्रीराम का आशीर्वाद है। वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी उनकी हार सुनिश्चित होने के दर्जनों कारण बताते थे, जिनमें सबसे प्रमुख था लगातार पांच बार विधायक रहते हुए भी क्षेत्र का विकास न होना।
लल्लू सिंह की हार में किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार गुलशन बिंदु की प्रमुख भूमिका रही जिन्हें 22023 मत मिले। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वेद प्रकाश गुप्ता को 33481 मत मिले। कांग्रेस ने इस बार उनके करीबी राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा था। राजेंद्र सिंह को 9710 मत मिले।
बसपा ने भाजपा के परम्परागत व्यापारी वर्ग को खासा आकर्षित किया और लल्लू सिंह को चोट पहुंचाई।
पवन पांडेय की हाल ही में शादी हुई है और उन्हें उनकी पत्नी का भी भरपूर साथ मिला। वह घर-घर जाकर मुंह दिखाई की रस्म की एवज में लोगों से पति को वोट देने की अपील कर रही थी।
पांडेय लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे हैं और सपा प्रमुख मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव के करीबी हैं।
पवन पांडेय ने लल्लू सिंह को 5405 मतों से पराजित किया। लल्लू सिंह को 49,859 मत मिले जबकि पवन पांडेय को 55,262 मत मिले।
लल्लू सिंह 1991 से लगातार पांच बार यहां से चुनाव जीत चुके थे और लगातार छठी बार विधानसभा पहुंचने का उनका सपना अधूरा रह गया।
लल्लू सिंह के करीबियों का दावा था कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी वह सीट जीत लेंगे, क्योंकि उनके साथ श्रीराम का आशीर्वाद है। वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी उनकी हार सुनिश्चित होने के दर्जनों कारण बताते थे, जिनमें सबसे प्रमुख था लगातार पांच बार विधायक रहते हुए भी क्षेत्र का विकास न होना।
लल्लू सिंह की हार में किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार गुलशन बिंदु की प्रमुख भूमिका रही जिन्हें 22023 मत मिले। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वेद प्रकाश गुप्ता को 33481 मत मिले। कांग्रेस ने इस बार उनके करीबी राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा था। राजेंद्र सिंह को 9710 मत मिले।
बसपा ने भाजपा के परम्परागत व्यापारी वर्ग को खासा आकर्षित किया और लल्लू सिंह को चोट पहुंचाई।
पवन पांडेय की हाल ही में शादी हुई है और उन्हें उनकी पत्नी का भी भरपूर साथ मिला। वह घर-घर जाकर मुंह दिखाई की रस्म की एवज में लोगों से पति को वोट देने की अपील कर रही थी।
पांडेय लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे हैं और सपा प्रमुख मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव के करीबी हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं