
कुछ लोग इस धरती पर इतिहास (History) रचने आते हैं. पार्वती आर्य एक ऐसी ही महिला थीं. वो एशिया की पहली महिला ट्रक ड्राइवर (First Female Truck Driver) थीं, 75 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. एक समय था जब वो कहा करती थीं कि जब इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) देश चला सकती हैं तो वो ट्रक क्यों नहीं चला सकती हैं. पार्वती (Parvati Truck Driver) पूरी दुनिया के लिए मिसाल हैं. उन्होंने सभी बंधनों को तोड़ते हुए ऐसा कार्य किया, जो सबसे अलग और ज़रा हटके हैं. आइए उनकी कहानी को विस्तार से जानते हैं.
पार्वती मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले की रहने वाली थीं. बचपन में ही उनके पिता की मौत हो गई थी. ऐसे में घर का भार पार्वती के कंधों पर आ गया. पिता की मृत्यु के बाद पार्वती को 8 बहनों और 3 भाइयों की देखभाल की जिम्मेदारी उठानी पड़ी. उस समय पार्वती की स्थिति बेहद दयनीय थी. आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने ट्रक चलाने का फ़ैसला किया. उस समय देश में महिला का ट्रक चलाना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी. ट्रक चलाने के लिए पार्वती को ड्राइविंग लाइसेंस की ज़रूरत थी, ऐसे में वो जब लाइसेंस बनवाने गईं तो किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि एक महिला ट्रक भी चला सकती हैं, मगर पार्वती ने साबित किया.
पार्वती की कहानी काफी प्रेरक हैं. उन्हें ट्रक का ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया और वो बन गईं एशिया की पहली महिला ट्रक ड्राइवर. उसके बाद पार्वती का सफ़र चल पड़ा. अपनी मेहनत और लगन से सभी भाई और बहनों का ध्यान रखा. भारत के राष्ट्रपति ने पार्वती को सम्मानित भी किया. इतना ही नहीं, 1990 में कांग्रस पार्टी ने पार्वती को विधानसभा कि टिकट भी दिया. हालांकि ये चुनाव वो जीत नहीं सकीं. हारने के बावजूद पार्वती ने अपना सामाजिक और राजनीतिक जीवन जारी रखा.
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