केरल (Kerala) में एक प्रेग्नेंट हथिनी (Pregnant Elephant) के साथ हैवानियत की एक अजीबो गरीब घटना सामने आई. लोगों ने उसे पटाखों से भरा अनानास (Cracker-Filled pineapple) खिला दिया. पटाखे हथिनी के मुंह में फट गए और उसकी मौत हो गई. उत्तरी केरल के मलप्पुरम जिले में एक वन अधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर हथिनी की भयानक मौत का विवरण सुनाए जाने के बाद यह घटना सामने आई. खबर को पढ़ते ही बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) गुस्सा गईं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, 'इसलिए हमें पशु क्रूरता के खिलाफ कठोर कानून की जरूरत है.' फिर उन्होंने इमोशनल कर देने वाला कार्टून शेयर किया और अपराधियों को सजा देने की अपील की.
अनुष्का शर्मा ने @tedthestoner के पोस्ट को इंस्टाग्राम पर शेयर किया. फोटो में हथिनी अनानास के पास खड़ी थी और उसके पेट में हाथी का बच्चा नजर आ रहा है. फोटो में हाथी का बच्चा मां से कहती है, 'इंसान कितनी अच्छे होते हैं...' फिर हथिनी बोलती है, 'बेटा वो हमें खाना देते हैं.' पोस्ट में लिखा हुआ है, 'हम सभी केरल के मुख्यमंत्री को आग्रह करते हैं कि अपराधियों को खोजा जाए और इस जघन्य अपराध के लिए उन्हें सजा दी जाए.'
बता दें, यह हथिनी खाने की तलाश में जंगल से बाहर पास के गांव में चली गई थी. वह गांव की सड़कों पर घूम रही थी और तभी वहां के कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ अनानास खाने के लिए दिया. वन अधिकारी मोहन कृष्णन्न ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ''हथिनी ने सब पर भरोसा किया. जब उसके मुंह में वो अनानास फटा होगा तो वह सही में डर गई होगी और अपने बच्चे के बारे में सोच रही होगी, जिसे वह 18 से 20 महीनों में जन्म देने वाली थी.''
अनानास में डाले गए पटाखे इतने खतनाक थे कि उसकी जीभ और मुंह बुरी तरह से जख्मी हो गए. हथिनी गांवभर में दर्द और भूख के मारे घूमती रही और अपनी चोट की वजह से वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी. उन्होंने आगे लिखा, ''उसने किसी भी इंसान को नुकसान नहीं पंहुचाया, तब भी नहीं जब वो बहुत ज्यादा दर्द में थी. उसने किसी एक घर को भी नहीं तोड़ा. इस वजह से मैं कह रहा हूं कि वह बहुत अच्छी थी.''
आखिर में वह वेलिन्यार नदी में जाकर खड़ी हो गई. तस्वीरों में हथिनी पानी में खड़ी नजर आ रही है और उसने अपना मुंह पानी में डाल रखा है, शायद ऐसा करने से उसे दर्द में थोड़ी राहत मिली हो. वन विभाग के ऑफिसर ने कहा कि उसने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि मक्खियां उसके घाव पर ना बैठें.
मोहन कृष्णन्न ने लिखा, ''वन विभाग अपने साथ दो हाथियों को लेकर गया जिनका नाम सुंदरम और नीलकांतम है. ताकि उसे नदी से बाहर निकाल सकें लेकिन उसने किसी को अपने नजदीक नहीं आने दिया.'' अधिकारियों द्वारा कई घंटों तक कोशिश किए जाने के बाद भी वह बाहर नहीं आई और 27 मई को दोपहर 4 बजे पानी में खड़े-खड़े उसकी मौत हो गई.
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