आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) की कंपनी ने करीब एक दशक पहले ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) में एक छोटा सा हिस्सा खरीदा था. आनंद महिंद्रा का कहना है कि वो "भारत के इतिहास को पलटने" में योगदान निभा कर बहुत खुश हैं. आनंद महिंद्रा उस ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में एक वायरल ट्विटर थ्रेड ( Viral Twitter Thread) का जवाब दे रहे थे जिसने कभी भारत पर राज किया और जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद (British colonialism) का पर्यायवाची बन गई. लेकिन फिर समय पलटा और इसे भारतीय मूल के व्यापारी संजीव मेहता (Sanjeev Mehta) ने स्वतंत्रता के दशकों बाद खरीद लिया. महिंद्रा ग्रुप ने बाद में इस कंपनी में छोटी हिस्सेदारी खरीदी और आनंद महिंद्रा का कहना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय हाथों में देखना "उत्साहित" करने वाला था.
एक ट्विटर थ्रेड में एक लेखक और टेक एक्सपर्ट जसप्रीत बिंद्रा (Jaspreet Bindra) ने ईस्ट इंडिया कंपनी का संक्षिप्त इतिहास बताया है और उन्होंने उस व्यापारी के बारे में बात की जिसने 21 वीं शताब्दी की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदा. EIC को मुंबई में जन्मे कारोबारी संजीव मेहता ने खरीदा था. संजीव मेहता से हाल ही में मुलाकात के बाद जसप्रीत बिंद्रा ने ट्विटर पर ये थ्रेड शुरू किया.
@TheEastIndia Company (EIC) was an English, and later British, joint-stock company founded in 1600. It was formed to trade in the Indian Ocean region, initially with the East Indies (the Indian subcontinent and Southeast Asia), and later with Qing China.
— Jaspreet Bindra (@j_bindra) February 6, 2022
जसप्रीत बिंद्रा लिखते हैं, "ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) एक अंग्रेजों की कंपनी थी जो बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के हाथ में गई. ज्वाइंट-स्टॉक कंपनी 1600 में बनाई गई. इस कंपनी ने भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े भाग पर कब्जा कर लिया था, इसने अफीम के लिए हुई पहली लड़ाई के बाद दक्षिणीपूर्वी एशिया और हांग-कांग तक अपना साम्राज्य फैलाया, साथ ही फारस की खाड़ी में अपने व्यापारिक स्थान, उपनिवेश बनाए रखे."
एक दूसरे ट्वीट में वो लिखते हैं, अब सीधे साल 2000 के पास आइए. जब भारतीय व्यापारी संजीव मेहता ने असल में देशभक्ति के जोश में ईस्ट इंडिया कंपनी को उसके 30-40 मालिकों के हाथ से खरीद लिया और इसे एक लक्ज़री व्यापार में बदल दिया."
Cut to early 2000, when Indian business @SanjivMehta1600 actually bought out the East India Company ‘from 30 to 40 owners', in a burst of patriotic fervor, and has built it up into a luxury business selling teas, coffees, chocolates, other fine foods and #gin ! pic.twitter.com/I34zzFWvVx
— Jaspreet Bindra (@j_bindra) February 6, 2022
द गार्डियन के अनुसार, मेहता ने 2005 में पूरी कंपनी को खरीद लिया था. इस पत्रिका में छपे एक लेख के अनुसार संजीव मेहता कहते हैं " आप एक भारतीय की भावना के स्तर पर सोचिए, जब आप दिल से सोचते हैं, जैसा मैं सोचता हूं..इसे बयां नहीं किया जा सकता कि खुद पर राज करने वाली कंपनी को खरीदना कैसा लगता है."
इसके बाद जसप्रीत बिंद्रा ने EIC में महिंद्रा ग्रुप के छोटे हिस्से के बारे में ज़िक्र किया.
In 2013, famously, the @MahindraRise and @anandmahindra bought a minority stake in the East India Company, bringing two iconic companies together!https://t.co/gT8GBFuMNf
— Jaspreet Bindra (@j_bindra) February 6, 2022
इस ट्विटर थ्रेड का जवाब देते हुए आनंद मंहिंद्रा ने ईस्ट इंडिया कंपनी की कहानी को सबसे सामने रखने के लिए जसप्रीत बिंद्रा का धन्यवाद दिया.
That's a lot of info in one thread @j_bindra And thank you for encapsulating why we were delighted to be part of turning history upside down. Something energizing about seeing THIS Company in Indian hands… https://t.co/0HMqGzEkyl
— anand mahindra (@anandmahindra) February 8, 2022
उन्होंने कहा, " भारत के इतिहास को पलटने की जिस वजह से हम प्रफुल्लित होते हैं, उसे यहां रखने के लिए धन्यवाद." महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आगे कहते हैं, "इस कंपनी को भारतीय हाथों में देखना कुछ अलग ही स्फूर्ती से भर देता है....'
अब तक इस ट्वीट को 700 से अधिक लाइक मिल चुके हैं और सैकड़ों कमेंट इस पर किए गए हैं. एक व्यक्ति ने कमेंट किया है, " रोचक जानकारी" तो दूसरे कमेंट में किसी ने लिखा है, "कर्म का चक्र पूरा होता है."
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