RSS Twitter Row : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh)के वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के विवाद में संगठन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. आरएसएस नेता राजीव तुली ने कहा कि ट्विटर को इसकी स्प्ष्ट वजह बतानी होगी. यह डिजिटल सामंतवाद नहीं चलेगा. ट्विटर ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company)की तरह बर्ताव न करे. तुली ने ट्विटर द्वारा संगठन के कई वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने को लेकर वीडियो के जरिये प्रतिक्रिया दी.वहीं उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट को अनवेरिफाइड करने के मामले के बाद सरकार ने ट्विटर को नए नियमों को अनुपालन करने के लिए अंतिम चेतावनी जारी की है.
तुली ने कहा कि ट्विटर जब किसी एक हैंडल को वेरीफाई करती है तो बहुत सारी जानकारी मांगता है, बहुत सारी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं. इसके बाद ही उसे ब्लू टिक दिया जाता है. इन सारे ट्विटर अकाउंट के बारे में जितनी जानकारी मांगी गई थी वो सारी इस सोशल मीडिया कंपनी को दी गई थी. फिर वेरीफिकेशन तुली ने कहा कि यह एक प्रकार का डिजिटल सामंतवाद है, जो ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियां (Social media Company) भारत में चलाना चाहती हैं. लेकिन सामंतवाद तो ईस्ट इंडिया कंपनी का भी भारत में नहीं चल पाया था.
आरएसएस नेता ने नाइजीरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के राष्ट्रपति का अकाउंट ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया था, इस पर नाइजीरियाई सरकार ने ट्विटर को ही निलंबित कर दिया था. अगर नाइजीरिया जैसा देश ये कर सकता है तो भारत तो संप्रभु और शक्तिशाली देश है. ट्विटर को अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए. या तो वो इन अकाउंट को दोबारा वेरिफाई करे या फिर ब्लू टिक हटाने की उचित वजह बताए.
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