मुंबई में बिलबोर्ड गिरने से 14 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की घटना पर लोगों का गुस्सा थमता नहीं दिख रहा. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी मंगलवार को मुंबई में होर्डिंग गिरने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में उद्योगपति महिंद्रा ने इस घटना को ''अस्वीकार्य'' बताया. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए सवाल उठाया कि ''आधुनिक महानगर'' बनने की कोशिश कर रहे शहर में ऐसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं?
'हमें कड़े नियमों का पालन करना होगा'
आनंद महिंद्रा ने सार्वजनिक जगहों पर लोगों की सुरक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियमों की जरूरत पर भी जोर डाला. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ''14 की मौत. ओम शांति. बिलबोर्ड गिरने से 60 लोग घायल. गवारा नहीं. ये एक ऐसा शहर है जो खुद को एक आधुनिक महानगर में बदलने की कोशिश कर रहा है. सीएम @mieknathshinde ने सभी होर्डिंग्स की जांच के आदेश दिए हैं. हमें कड़े नियमों का पालन करना होगा.''
यहां देखें ट्वीट
14 dead.
— anand mahindra (@anandmahindra) May 14, 2024
Om Shanti ????????
60 injured
From a billboard collapse.
Unacceptable. And we're a city trying to transform itself into a modern metropolis.
CM @mieknathshinde has ordered a probe into all hoardings.
Stringent rules must follow.pic.twitter.com/DxvsaoBm0l
मुंबई के घाटकोपर में 100 फुट का बिलबोर्ड गिरा
गौरतलब है कि मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक फ्यूल स्टेशन के सामने लगा 100 फुट का बिलबोर्ड भीषण तूफान के दौरान ढह गया था. इलाके के सीसीटीवी फुटेज में जमीन पर गिरने से पहले मेटल का बिलबोर्ड कई कारों की छतों को फाड़ते हुए दिख रहा है. इस हादसे के बाद राहत और बचाव अभियान फिलहाल जारी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना स्थल का दौरा किया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार शहर में सभी होर्डिंग्स का सिक्योरिटी ऑडिट कराएगी. उन्होंने होर्डिंग गिरने से मारे गए हर एक शख्स के परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की.
यूजर्स के बीच छिड़ी नई बहस
इस बीच, आनंद महिंद्रा का ट्वीट वायरल हो गया है. इस पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. कुछ यूजर्स ने कहा कि, 'कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए.' वहीं, कई यूजर्स ने कहा कि, 'घटना की जांच की मांग महज एक प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई थी.' एक यूजर ने लिखा, 'हम ऐसी घटना और कुछ लोगों की जान गंवाने के बाद ही क्यों सीखते हैं, सरकार पहले से कार्रवाई क्यों नहीं करती? रोड पाथ होल के मामलों में भी ऐसा ही होता है.'
सबसे बड़े बिलबोर्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज
दूसरे यूजर ने कमेंट किया, 'आपसे पूरी तरह सहमत हूं, सभी निर्माण कार्यों में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. आइए सख्त नियमों की उम्मीद करें.' तीसरे यूजर ने लिखा, 'यह अजीब है कि जब इस बिलबोर्ड को पिछले साल भारत में सबसे बड़े बिलबोर्ड के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था, तब बीएमसी ने इसकी अवैध हालत का कोई संज्ञान नहीं लिया.'
'हम जल्द ही इस घटना के बारे में भूल जाएंगे'
चौथे ने यूजर ने कमेंट में तंज कसते हुए लिखा, 'मृतकों के परिवारों को मानव जीवन की कीमत के रूप में, महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहले ही घोषित 5 लाख रुपये मिलेंगे और हम जल्द ही इस घटना के बारे में भूल जाएंगे.' वहीं, पांचवे यूजर ने लिखा, 'सभी होर्डिंग्स की जांच का आदेश देना गुस्से में की गई एक प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई है, नहीं तो यह त्रासदी से पहले किया जा सकता था.'
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