प्रतीकात्मक फोटो
फरुखाबाद:
फरुखाबाद जनपद के कायमगंज थाना क्षेत्र में कुत्तों के भौंकने से अपहृत किशोरी की जान बच गई। युवती को चार दिन से बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस के मुताबिक, कन्नौज कोतवाली गुरसहायगंज के ग्राम डुडवा निवासी भूरे मिस्त्री की 14 वर्षीय पुत्री अंजुम को चार दिनों से कायमगंज रेलवे स्टेशन के निकट दत्तूनगला मे जुबेर के मकान में बंधक बनाकर रखा गया।
जुबेर का बेटा साहब आलम अंजुम को कहीं ले जाने के लिए रात 11 बजे पितौरा गांव से गुजर रहा था। तभी अवारा कुत्तों के भौंकना शुरू कर दिया, जिससे अपहरणकर्ता सकपका गए। इसी बीच मौका पाकर अंजुम भागकर दलित बस्ती पहुंच गई। जहां ढोलक बजाने वाली महिलाओं उसे शरण दी।
अंजुम ने बताया कि वह घर पर बीड़ी बनाती है, साहब आलम भी बीड़ी बनाता था। चार दिन पहले गांव का दिलवराज व आलम उसे जयपुर वहिन अमरीन के घर ट्रेन से ले जा रहे थे। रास्ते में कायमगंज स्टेशन पर उसे खाना खिलाने के बहाने से उतार लिया और आलम ने घर ले जाकर बंद कर लिया।
अंजुम ने पुलिस को बताया कि शनिवार की रात आलम व दिलवराज के साथ एक और युवक था। उसके पास चाकू था। सिटी चौकी इंचार्ज रवींद्र पूरे मामले की जांच में जुटे हैं।
पुलिस के मुताबिक, कन्नौज कोतवाली गुरसहायगंज के ग्राम डुडवा निवासी भूरे मिस्त्री की 14 वर्षीय पुत्री अंजुम को चार दिनों से कायमगंज रेलवे स्टेशन के निकट दत्तूनगला मे जुबेर के मकान में बंधक बनाकर रखा गया।
जुबेर का बेटा साहब आलम अंजुम को कहीं ले जाने के लिए रात 11 बजे पितौरा गांव से गुजर रहा था। तभी अवारा कुत्तों के भौंकना शुरू कर दिया, जिससे अपहरणकर्ता सकपका गए। इसी बीच मौका पाकर अंजुम भागकर दलित बस्ती पहुंच गई। जहां ढोलक बजाने वाली महिलाओं उसे शरण दी।
अंजुम ने बताया कि वह घर पर बीड़ी बनाती है, साहब आलम भी बीड़ी बनाता था। चार दिन पहले गांव का दिलवराज व आलम उसे जयपुर वहिन अमरीन के घर ट्रेन से ले जा रहे थे। रास्ते में कायमगंज स्टेशन पर उसे खाना खिलाने के बहाने से उतार लिया और आलम ने घर ले जाकर बंद कर लिया।
अंजुम ने पुलिस को बताया कि शनिवार की रात आलम व दिलवराज के साथ एक और युवक था। उसके पास चाकू था। सिटी चौकी इंचार्ज रवींद्र पूरे मामले की जांच में जुटे हैं।
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