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धरती के इतने करीब पहुंचा एलियन का जंगी जहाज! 3I/ATLAS को लेकर अमेरिकी प्रोफेसर का डराने वाला दावा

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोल भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एवी लोएब ने स्काई न्यूज से बात करते हुए चेतावनी दी कि हम इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते कि यह एलियंस का कोई 'बैटलशिप' या युद्धपोत हो सकता है.

धरती के इतने करीब पहुंचा एलियन का जंगी जहाज! 3I/ATLAS को लेकर अमेरिकी प्रोफेसर का डराने वाला दावा

अंतरिक्ष की गहराइयों से आई एक रहस्यमयी वस्तु, जिसे 3I/ATLAS नाम दिया गया है, शुक्रवार को पृथ्वी के अपने सबसे निकटतम बिंदु पर पहुंच गई. जहां अधिकांश वैज्ञानिक इसे एक अंतरतारकीय धूमकेतु (interstellar comet) मान रहे हैं. वहीं, एक प्रमुख हार्वर्ड प्रोफेसर के दावे ने दुनिया भर में नई बहस छेड़ दी है. अमेरिकी प्रोफेसर ने दावा किया है कि ये धूमकेतु नहीं, बल्कि एलियन का बैटलशिप यानी जंग में इस्तेमाल होने वाला शिप है.

क्या है 3I/ATLAS?

यह वस्तु लगभग 1,30,000 मील प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हमारे सौर मंडल से गुजरी. पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचने के दौरान इसकी दूरी लगभग 17 करोड़ मील थी, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी से लगभग दोगुनी है. इसे पहली बार जुलाई में अंतरिक्ष में एक धुंधले प्रकाश बिंदु के रूप में देखा गया था, जिसके बाद यह तेजी से मंगल और बृहस्पति के पास से गुजरी.

धूमकेतु या एलियन का यान?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोल भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एवी लोएब ने स्काई न्यूज से बात करते हुए चेतावनी दी कि हम इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते कि यह एलियंस का कोई 'बैटलशिप' या युद्धपोत हो सकता है.

प्रोफेसर लोएब ने अपने दावे के पीछे तीन मुख्य तर्क दिए हैं. उनके अनुसार, इसकी पूंछ किसी प्राकृतिक धूमकेतु जैसी नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन सिस्टम जैसी दिखती है. इसके गैस के बादलों में निकल (nickel) पाया गया है, जो सतह पर धातु खनन (metal mining) का प्रमाण हो सकता है. जिस तरह से यह हमारे सौर मंडल के ग्रहों की कक्षाओं के साथ तालमेल बिठाते हुए गुज़रा, वह महज इत्तेफाक नहीं लगता.

लोएब ने इसे एक "ब्लैक स्वान इवेंट" यानी अत्यधिक दुर्लभ लेकिन प्रभावशाली घटना करार देते हुए कहा, "जब बात समाज पर पड़ने वाले प्रभावों की हो, तो हमें डेटा इकट्ठा करना चाहिए. अंतरतारकीय स्तर पर यह एक 'ब्लाइंड डेट' जैसा है- आप नहीं जानते कि आने वाला मेहमान कोई मित्र है या कोई शिकारी."

NASA और अन्य वैज्ञानिकों का पक्ष

हालांकि, नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने दर्जनों कैमरों से इस पर नजर रखने के बाद कहा है कि इसके पूरी तरह प्राकृतिक होने में कोई संदेह नहीं है. नासा के अमित क्षत्रिय ने स्पष्ट किया, "यह एक धूमकेतु है. यह वैसा ही दिखता है और वैसा ही व्यवहार करता है. सभी सबूत इसी ओर इशारा करते हैं." ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस लिंटोट ने लोएब के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, "यह कहना वैसा ही है जैसे चंद्रमा के पनीर से बने होने की बात करना. इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो हमने पहले अंतरिक्ष में अन्य जगहों पर न देखा हो."

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह धूमकेतु लगभग 8 अरब साल पुराना है- जो हमारे सूर्य और सौर मंडल की आयु से दोगुना है. यह किसी अज्ञात तारे के निर्माण के समय का एक 'कॉस्मिक फॉसिल' (ब्रह्मांडीय जीवाश्म) हो सकता है.

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