एक 27 वर्षीय व्यक्ति की पीठ से 16.7 किलोग्राम वजनी ट्यूमर को 10 घंटे तक चली सफल सर्जरी के बाद हटा दिया गया.
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के डॉक्टरों ने कहा कि यह व्यक्ति 2008 से 58x50 सेंटीमीटर आकार के गैर-कैंसर वाले ट्यूमर से पीड़ित था.
एफएमआरआई के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ निदेशक निरंजन नाइक ने कहा, "विशालकाय न्यूरोफाइब्रोमा एक प्रकार का परिधीय तंत्रिका ट्यूमर है, जो त्वचा पर या उसके नीचे नरम उभार बनाता है जो लंबी अवधि में धीरे-धीरे बहुत बड़े आकार तक बढ़ सकता है."
डॉक्टर ने कहा, ''जेनेटिक अब्नोर्मलिटी ऐसे ट्यूमर का कारण बनती हैं, जो रोगी के जीवन की गुणवत्ता में बाधा डाल सकती है, जिससे कॉस्मैटिक विकृति, असुविधा या दर्द और कभी-कभी घाव के कारण भारी रक्तस्राव हो सकता है.'' उन्होंने बताया कि ट्यूमर के आकार और मामले की जटिलता से जुड़े उच्च जोखिम कारणों से युवा रोगी को विभिन्न देशों के कई अस्पतालों ने सर्जरी के लिए मना कर दिया था.
निरंजन ने बताया, ''ट्यूमर की जगह पर कई रक्त वाहिकाएं थी. इस प्रकार इस सर्जरी के दौरान अनियंत्रित रक्तस्राव का एक उच्च जोखिम पैदा हो सकता था.'' इस जोखिम को कम करने के लिए, टीम ने दो प्रक्रियाओं के साथ उपचार शुरू किया, जिसने 11 महत्वपूर्ण रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया.
निरंजन ने कहा कि ट्यूमर में कई बड़ी रक्त धमनियां थी, जो पूरी तरह से मरीज की पीठ पर फैली हुई थी. उनके शरीर का लगभग 18 प्रतिशत ऊपरी हिस्सा कवर किया हुआ था.
सर्जरी के बाद इस क्षेत्र को कवर करने के लिए, डॉक्टरों ने दोनों जांघों की बजाय ट्यूमर से त्वचा का ही प्रयोग किया, क्योंकि यह एक गैर-कैंसर वाला ट्यूमर था. डॉक्टरों ने कहा, "मरीज को केवल चार दिन में छुट्टी दे दी गई. यह ट्यूमर गैर-कैंसर था इसलिए मरीज अब रोग मुक्त है.''
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