- तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश में यूनुस शासन में महिलाओं के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है
- आरोप लगाया कि यूनुस महिला सशक्तिकरण के लेक्चर देते हैं, वहीं बांग्लादेश में महिलाओं का दमन हो रहा
- नसरीन ने यूनुस पर अमेरिकी संस्था ग्रामीण अमेरिका से 4 साल तक पारिश्रमिक लेने का आरोप लगाया है
हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर निर्वासित लेखिका व मानवाधिकार कार्यकर्ता तस्लीमा नसरीन ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने यूनुस पर दोमुंही बातें करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वह अमेरिका में महिलाओं की आर्थिक आजादी का ढोल पीटते हैं, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में उनके शासन में महिलाओं के मानवाधिकारों का खुलेआम चीरहरण हो रहा है. उन्होंने इसे नैतिकता का पाखंड करार दिया.
तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यूनुस एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महिला सशक्तिकरण के लेक्चर देते हैं, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में उनके शासन में भीड़ की हिंसा, पीट-पीटकर हत्याएं (लिंचिंग) और सांप्रदायिक हमले रोजमर्रा की घटनाएं हो गई हैं. उनकी नाक के नीचे महिलाओं के बलात्कार हो रहे हैं, उन्हें आतंकित किया जा रहा है. वो हिंसा, डर और कट्टरपंथ के साये में जीने को मजबूर हैं. बांग्लादेश मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघनों का केंद्र बन चुका है.
तस्लीमा ने यूनुस के आर्थिक हितों पर भी सवाल उठाए और दावा किया कि न्यूयॉर्क की माइक्रो फाइनेंस संस्था 'ग्रामीण अमेरिका' के सह संस्थापक और निदेशक होने के नाते उन्होंने कम से कम चार साल तक पारिश्रमिक लिया है. कथित विरोधाभासी चेहरा उजागर करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस खुद फर्स्ट क्लास में सफर करते हैं, वैश्विक पुरस्कार बटोरते हैं, अमेरिका में गरीब हिस्पैनिक व अश्वेत महिलाओं को कर्ज के जाल में फंसाकर मुनाफा कमाते हैं. वह ग्लोबल स्टेज पर महिला आंत्रप्रेन्योर्स के सशक्तीकरण की बातें करते हैं. लेकिन खुद उनके बांग्लादेश में उनके समर्थक लोग ही गारमेंट फैक्ट्रियां जलाकर हजारों गरीब मजदूरों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं.
तस्लीमा नसरीन ने ग्रामीण अमेरिका को फंड देने वाले दानदाताओं और सरकारों से अपील की कि वो यूनुस को दिए जा रहे समर्थन पर तुरंत पुनर्विचार करें. उनका कहना था कि इस वक्त यूनुस के साथ जुड़े रहना बांग्लादेश में हो रहे अपराधों और मानवाधिकारों के हनन में भागीदार बनने जैसा है. उन्होंने इसे नैतिकता का दोमुंहापन करार देते हुए कहा कि दुनिया को अब यूनुस के असली चेहरे को पहचानने की जरूरत है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं