चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (फाइल फोटो)
बीजिंग:
दक्षिणी चीन सागर विवाद को लेकर बढ़े तनाव को कम करने के प्रयास के तहत चीन ने शनिवार को कहा कि वह विवादों के समाधान के लिए ताकत का बेधड़क इस्तेमाल नहीं करेगा। चीन का यह बयान उस वक्त आया है, जब अमेरिका ने विवादित क्षेत्र की ओर एक युद्धपोत भेजने का विचार किया है, जो चीन के दावे को सीधी चुनौती है। दक्षिणी चीन सागर विवाद को लेकर अपने रुख में थोड़ा नरमी लाते हुए बीजिंग ने आसियान देशों के साथ साझा रक्षा अभ्यास का प्रस्ताव भी दिया है।
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उप प्रमुख फान चांगलोंग ने कहा कि चीन ने मतभेद और विवादों का सभी संबंधित पक्षों के साथ सीधे मित्रवत बातचीत के जरिये समाधान करने पर जोर दिया है तथा वह अनपेक्षित टकरावों से बचने का पूरा प्रयास करेगा। सीएमसी चीन की सेना का संपूर्ण रूप से संचालन करने वाली संस्था है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार फान ने कहा, चीन ने हमेशा ही विवादों से शांतिपूर्ण ढंग से निपटने की पैरवी की है और वह क्षेत्र और संप्रभुता से संबंधित मुद्दों के सामने आने के बाद ताकत का बेधड़क इस्तेमाल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चीन ने अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ भूमि एवं सीमा संबंधी मुद्दों को विचार-विमर्श के जरिए हल किया है। चीन ने भारत और भूटान को छोड़कर अपने 14 पड़ोसी देशों में 12 के साथ सीमा विवाद का समाधान किया है।
दक्षिणी चीन सागर को लेकर तनाव के बीच बीजिंग ने आसियान के रक्षा मंत्रियों को आमंत्रित किया है। चीन संपूर्ण दक्षिणी चीन सागर पर अपनी संप्रभुता जताता है जिसका वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई, और ताइवान सख्ती से विरोध करते हैं।
बीजिंग के दावे का विरोध करने वाले इन पांच देशों को अमेरिका का पूरा समर्थन हासिल है। अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस बात का संकेत दिया है कि चीन के दावों की पड़ताल के लिए जल्द नौसैन्य बलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उप प्रमुख फान चांगलोंग ने कहा कि चीन ने मतभेद और विवादों का सभी संबंधित पक्षों के साथ सीधे मित्रवत बातचीत के जरिये समाधान करने पर जोर दिया है तथा वह अनपेक्षित टकरावों से बचने का पूरा प्रयास करेगा। सीएमसी चीन की सेना का संपूर्ण रूप से संचालन करने वाली संस्था है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार फान ने कहा, चीन ने हमेशा ही विवादों से शांतिपूर्ण ढंग से निपटने की पैरवी की है और वह क्षेत्र और संप्रभुता से संबंधित मुद्दों के सामने आने के बाद ताकत का बेधड़क इस्तेमाल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चीन ने अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ भूमि एवं सीमा संबंधी मुद्दों को विचार-विमर्श के जरिए हल किया है। चीन ने भारत और भूटान को छोड़कर अपने 14 पड़ोसी देशों में 12 के साथ सीमा विवाद का समाधान किया है।
दक्षिणी चीन सागर को लेकर तनाव के बीच बीजिंग ने आसियान के रक्षा मंत्रियों को आमंत्रित किया है। चीन संपूर्ण दक्षिणी चीन सागर पर अपनी संप्रभुता जताता है जिसका वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई, और ताइवान सख्ती से विरोध करते हैं।
बीजिंग के दावे का विरोध करने वाले इन पांच देशों को अमेरिका का पूरा समर्थन हासिल है। अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस बात का संकेत दिया है कि चीन के दावों की पड़ताल के लिए जल्द नौसैन्य बलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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