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अमेरिका की जेल से इस कैदी की वापसी के लिए क्यों बेचैन हैं व्लादिमीर पुतिन?

कैदियों की अदला-बदली में 10 रूसी कैदियों को रिहा किया गया है. रूसी नागरिक वादिम क्रासिकोव को व्लादिमीर पुतिन का हिटमैन कहा जाता है. उसकी अमेरिकी रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच के बदले रिहाई हुई है.

अमेरिका की जेल से इस कैदी की वापसी के लिए क्यों बेचैन हैं व्लादिमीर पुतिन?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जेल में बंद अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच को रिहा कर दिया है. अमेरिका और रूस के बीच कैदियों की अदला-बदली में 10 रूसी कैदियों को रिहा किया गया है. इनमें सबसे प्रमुख नाम वादिम क्रासिकोव का है. यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हिटमैन कहे जाते हैं. पुतिन क्रासिकोव की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वे क्रासिकोव को देशभक्त रूसी कहते हैं. क्रासिकोव को लेकर पुतिन की यह धारणा क्यों है? रूसी खुफिया एजेंट क्रासिकोव का दो हत्याओं में नाम सामने आया था. उनमें से एक बर्लिन में हुई हत्या की सजा वह काट रहा था.  

जॉर्जिया मूल के चेचन विद्रोही ज़ेलिमखान खांगोशविली की 2019 में बर्लिन के एक पार्क में एक साइकिल सवार रूसी व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह हमला दिन दहाड़े साइलेंसर लगी पिस्तौल से किया गया था. बाद में हत्यारे की पहचान वादिम क्रासिकोव के रूप में हुई. क्रासिकोव ने जर्मन संसद राइखस्टाग के पास अपनी पिस्तौल फेंक दी थी. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. वह जाली दस्तावेजों के जरिए जर्मनी में घुसा था. वादिम क्रासिकोव रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी से जुड़ा रूसी नागरिक है. 

बर्लिन में हुई इस हत्या के बाद रूस और जर्मनी के बीच एक बड़ा कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया और बर्लिन से दो रूसी राजनयिकों को बाहर कर दिया गया. 

बाद में एक जर्मन अदालत ने क्रासिकोव को हत्या का दोषी ठहराया. इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. व्लादीमिर पुतिन ने इस हत्या में रूसी सरकार की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया और उन्हें निराधार बताया. हालांकि पुतिन ने अपने एक इंटरव्यू में क्रासिकोव का नाम लिए बिना उसे एक रूसी "देशभक्त" कहा था. एक अमेरिकी टीवी टॉक शो में इंटरव्यू में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस अमेरिकी पत्रकार इवान गर्शकोविच के बदले क्रासिकोव की रिहाई चाहता है.

जर्मनी को बर्लिन में हुई हत्या में रूस का हाथ होने का शक वादिम क्रासिकोव के पिछले जीवन को देखते हुए हुआ. एक वेबसाइट से जानकारी मिली कि वह सन 2013 में मॉस्को में हुई हत्या में भी संदिग्ध था. कहा जाता है कि इसके दो साल बाद 2015 में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट वापस ले लिया गया था. 

बाद में वादिम क्रासिकोव की जगह उसकी वादिम सोकोलोव के रूप में नई पहचान सामने आई थी. जर्मन कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के दस्तावेज सिर्फ रूस की ओर से ही दिए जाना संभव है, इसलिए बर्लिन में हुई हत्या में क्रासिकोव को क्रेमलिन का समर्थन मिला था. कोर्ट ने कहा था कि रूसी सरकार के अधिकारियों ने हत्या का आदेश दिया था. हालांकि रूस ने हत्या की साजिश रचने के आरोपों का खंडन किया था. उसने क्रासिकोव के खिलाफ अदालत के फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया था.

वादिम क्रासिकोव ने चेचेन विद्रोही कमांडर जेलिमखान खानगोशविलि की हत्या की थी. खानगोशविलि 21वीं सदी के शरुआती चार वर्षों तक रूस से अलग होने के लिए चेचेन्या के संघर्ष में भागीदारी की थी.

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