डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बीते कुछ समय से परोक्ष रूप से विवाद कायम है. अमेरिका किसी तरह उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की जुगत में है. उत्तर कोरिया में विशेष दूत भेजने के चीन के फैसले के बाद व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया पर अधिक से अधिक दबाव बनाने में चीन के बड़ी भूमिका निभाने का समर्थन करते हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष दूत सोंग ताओ शुक्रवार को उत्तर कोरिया जाकर उसके नेतृत्व को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की हालिया राष्ट्रीय कांग्रेस के परिणाम के बारे में जानकारी देंगे. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सोंग उत्तर कोरिया को शी का यह संदेश संभवत: देंगे कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए वार्ता में शामिल हो. वह उत्तर कोरिया के बारे में ट्रंप के साथ हुई शी की वार्ता की विषय वस्तु के बारे में भी जानकारी देंगे.
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राष्ट्रपति शी और ट्रंप ने पिछले सप्ताह बीजिंग में हुई वार्ता में उत्तर कोरिया पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया था. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति निश्चित रूप से इस बात का समर्थन करते हैं कि चीन उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाने में बड़ी भूमिका निभाए. चीन के दूत ऐसे समय में उत्तर कोरिया की यात्रा कर रहे हैं जब ट्रंप ने कुछ ही दिनों पहले एशिया के पांच देशों की अपनी यात्रा पूरी की है. इस दौरे में ट्रंप ने शी से अपील की थी कि वह परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने के लिए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर दबाव बनाएं.
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सारा ने कहा कि उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण के सभी प्रयासों और चीन की उसमें भागीदारी का राष्ट्रपति ट्रंप निश्चित रूप से समर्थन करते हैं. ट्रंप ने चीन के निर्णय का ट्विटर पर स्वागत किया. ट्रंप ने गुरुवार को एक ट्वीट करके कहा कि चीन उत्तर कोरिया में एक दूत और प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है, जो एक बड़ा कदम है. हम देखेंगे कि क्या होता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष दूत सोंग ताओ शुक्रवार को उत्तर कोरिया जाकर उसके नेतृत्व को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की हालिया राष्ट्रीय कांग्रेस के परिणाम के बारे में जानकारी देंगे. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सोंग उत्तर कोरिया को शी का यह संदेश संभवत: देंगे कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए वार्ता में शामिल हो. वह उत्तर कोरिया के बारे में ट्रंप के साथ हुई शी की वार्ता की विषय वस्तु के बारे में भी जानकारी देंगे.
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राष्ट्रपति शी और ट्रंप ने पिछले सप्ताह बीजिंग में हुई वार्ता में उत्तर कोरिया पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया था. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति निश्चित रूप से इस बात का समर्थन करते हैं कि चीन उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाने में बड़ी भूमिका निभाए. चीन के दूत ऐसे समय में उत्तर कोरिया की यात्रा कर रहे हैं जब ट्रंप ने कुछ ही दिनों पहले एशिया के पांच देशों की अपनी यात्रा पूरी की है. इस दौरे में ट्रंप ने शी से अपील की थी कि वह परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने के लिए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर दबाव बनाएं.
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सारा ने कहा कि उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण के सभी प्रयासों और चीन की उसमें भागीदारी का राष्ट्रपति ट्रंप निश्चित रूप से समर्थन करते हैं. ट्रंप ने चीन के निर्णय का ट्विटर पर स्वागत किया. ट्रंप ने गुरुवार को एक ट्वीट करके कहा कि चीन उत्तर कोरिया में एक दूत और प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है, जो एक बड़ा कदम है. हम देखेंगे कि क्या होता है.
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