
यूक्रेन ने संडे को मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों में रूस के 5 सैन्य हवाई अड्डों पर FPV ड्रोन के इस्तेमाल से हमले किए. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों में हमलों को विफल कर दिया गया. तास न्यूज एजेंसी ने रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से लिखा, "कीव शासन ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों में हवाई अड्डों पर FPV ड्रोन के इस्तेमाल से आतंकी हमला किया. इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों में सैन्य हवाई अड्डों पर सभी आतंकी हमलों को विफल कर दिया गया. सैन्य कर्मियों या नागरिकों में से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली. आतंकी हमलों में शामिल कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. मरमंस्क और इरकुत्स्क क्षेत्रों में सैन्य हवाई अड्डों के निकटवर्ती क्षेत्रों से एफपीवी ड्रोन के हमले में कई विमानों में आग लग गई. आग बुझा दी गई." हालांकि, रूस ने विमानों की संख्या को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. ना ही ड्रोन हमले के शिकार विमानों के बारे में जानकारी दी है.
इस घटना के बाद माना जा रहा था कि रूस बहुत बड़ा बदला लेगा. क्योंकि यूक्रेन का दावा था कि उसने रूस के 40 फाइटर जेट्स को ड्रोन हमले में बर्बाद कर दिया है. मगर, रूस की तरफ से तुर्किये में होने वाली बैठक को लेकर अमेरिका से बात की गई.
अमेरिका और रूस में क्या बात हुई
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को यूक्रेन में संघर्ष को सुलझाने की संभावनाओं और तुर्की में सोमवार को होने वाली रूस-यूक्रेन वार्ता पर चर्चा की. लावरोव के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, "यूक्रेन संकट से जुड़ी स्थिति पर चर्चा की गई. एसवी लावरोव और एम रुबियो ने यूक्रेन संकट के समाधान से संबंधित विभिन्न पहलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें 2 जून को इस्तांबुल में प्रत्यक्ष रूसी-यूक्रेनी वार्ता फिर से शुरू करने की योजना भी शामिल है."
बदला लेने की रूस ने बात कही
अमेरिकी विदेश विभाग ने उल्लेख किया कि यह कॉल रूस के अनुरोध पर थी. रुबियो ने "स्थायी शांति" प्राप्त करने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच निरंतर प्रत्यक्ष वार्ता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आह्वान को दोहराया. मंत्रालय ने यह भी कहा कि बातचीत के दौरान रुबियो ने यूक्रेन की सीमा से लगे अलग-अलग रूसी क्षेत्रों में दो पुलों के विस्फोट में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की. रूसी पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले की सक्षम निकाय गहन जांच करेंगे और परिणाम प्रकाशित किए जाएंगे. दोषी पक्षों की पहचान की जाएगी और निस्संदेह उन्हें उचित सजा दी जाएगी. रूसी अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को दो पुलों को उड़ा दिए जाने से कम से कम सात लोग मारे गए और 69 घायल हो गए.
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