चीन (China) को निशाने पर लेते हुए भारत (India) ने चीन की अध्यक्षता वाली संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) की मीटिंग में कहा है कि यह सबसे दुखद है कि सही और सबूतों के आधार पर दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने की सूची को होल्ड पर डाला गाया, यह दोहरा बर्ताव सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधों की प्रकिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है और इसके स्तर को गिराता है.
#IndiainUNSC
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) August 9, 2022
📺Watch: Excerpts from Ambassador's remarks at #UNSC Briefing on “Threats to international peace and security caused by terrorist acts"@RuchiraKamboj @MEAIndia pic.twitter.com/tV6ztbxpkh
जून में संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने आखिरी वक्त पर भारत और अमेरिका के साझा प्रस्ताव को होल्ड पर डाल दिया था जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को यूएन सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति 1267 की सूची में डालने से रोक दिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को कहा कि बिना कोई कारण दिए सूचिबद्ध करने की अपीलों को होल्ड करने या ब्लॉक करने की प्रैक्टिस को खत्म किया जाना चाहिए.
एक प्रभावी और काम करने वाली प्रतिबंध समित को और पारदर्शी, जवाबदेह और वस्तुनिष्ठ होना चाहिए. साथ ही सूचीबद्ध करने के लिए बिना कोई कारण बताए होल्ड या ब्लॉक लगवाने की आदत भी खत्म होनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "दोहरे मापदंड और लागातार होने वाले राजनीतिकरण ने प्रतिबंधों की प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर प्रभाव डाला है और इसके स्तर को सबसे नीचे गिरा दिया है. हमें उम्मीद है कि जल्दी ही या देर से UNSC के सभी सदस्य एक सुर में बोल सकें जब बात अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से साझा लड़ाई की हो."
अब्दुल रहमान मक्की अमेरिका द्वारा घोषित एक आतंकवादी है और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद का साला है.
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