अमेरिका (US) में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा है कि विदेशी खतरों से बचाने के लिए अमेरिका के पास इजरायली आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली (Iron Dome missile defence system) का अपना वर्जन होना चाहिए. भारतीय मूल के अरबपति का मानना है कि रूस जैसे देशों की उन्नत मिसाइल क्षमताओं को देखते हुए ऐसी प्रणाली मातृभूमि की रक्षा के लिए जरूरी हैं.
जब उनसे इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा, “रूस के पास अमेरिका से भी उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताएं हैं. हम अपनी मातृभूमि में नए खतरों के प्रति संवेदनशील हैं. वह हाइपरसोनिक मिसाइलें आज अमेरिका तक पहुंच सकती हैं. हम बुरी तरह असुरक्षित हैं.”
उन्होंने आगे कहा, "फॉरेन पॉलिसी इस्टेबलिशमेंट ने हमारे राष्ट्रीय रक्षा बजट को मूल रूप से मातृभूमि की रक्षा के अलावा अन्य सभी चीजों पर खर्च किया है."
आयरन डोम इजराइल की मिसाइल रोधी रक्षा प्रणालीआयरन डोम इजराइल द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली है. इसे चार से 70 किलोमीटर की दूरी से दागे गए कम दूरी के रॉकेट और आर्टिलरी के गोले को रोकने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह सिस्टम आने वाले प्रोजेक्टाइल का पता लगाने के लिए रडार का उपयोग करता है और फिर जमीन पर अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले उन्हें हवा में ही नष्ट करने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों को लॉन्च करता है.
आयरन डोम कुछ इजरायली शहरों और समुदायों को हमास के रॉकेट हमलों से बचाने में असरकारक रहा है.
क्या अमेरिका में आयरन डोम के जरिए मिसाइलों से रक्षा संभव है?अमेरिका में आयरन डोम जैसा सिस्टम विकसित करने में कई चुनौतियां हैं. अमेरिका को पड़ोसी क्षेत्रों से कम दूरी की मिसाइलों के हमले जैसे खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है. जबकि आयरन डोम को कम दूरी से होने वाले हमलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
अमेरिका ने पहले से ही अगली पीढ़ी के मिसाइल खतरों से निपटने के लिए जरूरी संसाधनों पर भारी निवेश किया है. इनमें सैकड़ों अरब डॉलर व्यय किए गए हैं और इनके विकास में दशकों का समय लगा है. जैसा कि विवेक रामास्वामी ने सुझाव दिया, यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अब तक अनदेखा रहा है, बल्कि यह अमेरिकी रक्षा रणनीति का एक जटिल और जीवंत पहलू है.
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट 2023 के मुताबिक प्रत्येक आयरन डोम बैटरी करीब 60 वर्ग मील का इलाका कवर करती है. पूरे अमेरिका की सुरक्षा के लिए ऐसी हजारों बैटरियों की जरूरत होगी और वे उन उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइलों से रक्षा नहीं कर सकतीं जिनका रामास्वामी ने जिक्र किया है. अमेरिका जैसे बड़े देश के लिए यह एक जटिल और बड़ा काम है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं