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This Article is From Nov 04, 2023

"सोवियत संघ की तरह एक दिन अमेरिका भी खत्‍म हो जाएगा": हमास की चेतावनी

हमास नेता ने चेतावनी दी कि क्षेत्र में अमेरिका के सभी दुश्मन विचार कर रहे हैं और करीब आ रहे हैं, और वह दिन आ सकता है, जब वे एक साथ युद्ध में शामिल होंगे और अमेरिका को अतीत की चीज़ में बदल देंगे.

बेरूत:

इजरायल से जारी जंग के बीच हमास ने अमेरिकी को नई चेतावनी दी है. हमास के वरिष्ठ नेता अली बराका ने चेतावनी दी है कि एक दिन संयुक्त राज्य अमेरिका "अतीत की बात" हो जाएगा और "सोवियत संघ (USSR) की तरह बिखर जाए." यरुशलम पोस्ट के मुताबिक, अली बराका ने 2 नवंबर को एक लेबनानी यूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार में ये बात कही है. दरअसल, हमास और हिजबुल्‍लाह, अमेरिका को ही गाजा पट्टी में जारी जंग के लिए जिम्‍मेदार मानते हैं. हिजबुल्‍लाह का कहना है कि अगर युद्ध अन्‍य देशों तक फैलता है, तो इसकी जिम्मेदारी अमेरिका की ही होगी.

यरुशलम पोस्ट ने इंटरव्‍यू में उनके हवाले से कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना ब्रिटेन और वैश्विक फ्रीमेसोनरी द्वारा की गई थी, लेकिन यह सोवियत संघ की तरह ही बिखर जाएगा." हमास के नेता ने चेतावनी दी, "क्षेत्र में अमेरिका के सभी दुश्मन विचार कर रहे हैं और करीब आ रहे हैं, और वह दिन आ सकता है जब वे एक साथ युद्ध में शामिल होंगे, और अमेरिका को अतीत की चीज़ में बदल देंगे." उन्होंने कहा कि फिर अमेरिका शक्तिशाली नहीं रहेगा.

अली बराका ने अमेरिका पर हमला करने की उत्तर कोरिया की क्षमता की भी सराहना की. अली बराका ने कहा, "हां, जैसा कि आप जानते हैं, उत्तर कोरिया का नेता शायद दुनिया का एकमात्र नेता है, जो अमेरिका पर हमला करने में सक्षम है." उन्होंने कहा, "उत्तर कोरिया के पास अमेरिका पर हमला करने की क्षमता है. वह दिन आ सकता है, जब उत्तर कोरिया हस्तक्षेप करेगा, क्योंकि आखिरकार, वह [हमारे] गठबंधन का हिस्सा है."

हमास नेता ने कहा कि हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में मास्को की यात्रा की और एक बीजिंग भी जाएगा. यरुशलम पोस्ट ने बताया, "आज, रूस हमसे प्रतिदिन संपर्क करता है. चीन ने दोहा में दूत भेजे, और चीन और रूस ने हमास के नेताओं से मुलाकात की. हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने मास्को की यात्रा की, और जल्द ही, एक प्रतिनिधिमंडल बीजिंग की यात्रा करेगा."

उन्होंने कहा, "ईरान के पास अमेरिका पर हमला करने की क्षमता नहीं है. हालांकि, अगर ईरान ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया, तो वह क्षेत्र में यहूदी समुदाय और अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है. सीधे-सीधे कहें, तो ईरान के पास ऐसी मिसाइल नहीं हैं, तो अमेरिका तक पहुंच सकें. लेकिन अगर अमेरिका स्पष्ट रूप से अपना हस्तक्षेप बढ़ाता है, तो वह इजरायल और क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों और जहाजों पर हमला कर सकता है."

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