
- इजरायल, गाजा शहर पर नियंत्रण करने की नई योजना को प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
- नेतन्याहू ने कहा कि गाजा पर कब्जा नहीं होगा, बल्कि इसे हमास से मुक्त कराने की योजना है.
- गाजा युद्ध के करीब दो साल बाद नेतन्याहू पर बंधकों को मुक्त कराने और युद्धविराम का दबाव बढ़ रहा है.
इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी पर जंग जारी है. इजरायली सेना गाजा में हमास के लड़ाकों को तलाश रही है. यह युद्ध कब खत्म होगा, इस सवाल का जवाब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नहीं दे रहे हैं. इस बीच एक सवाल ये उठ रहा है कि क्या नेतन्याहू गाजा पर कब्जा करने की रणनीति बना रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि पीएम नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट ने एक नई योजना को स्वीकृती दी है, जिसके तहत इजराइल की सेना गाजा शहर पर 'नियंत्रण' करेगी. इसके बाद से प्रधानमंत्री नेतन्याहू फिर विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं.
गाजा में युद्ध के लगभग दो साल बाद, नेतन्याहू पर इस क्षेत्र के 20 लाख से ज़्यादा लोगों को अकाल के कगार से निकालने और फ़िलिस्तीनी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के लिए युद्धविराम कराने का दबाव बढ़ रहा है. इजरायल के दुश्मन हमास, जिसके 7 अक्टूबर, 2023 के हमले ने युद्ध को जन्म दिया था, उसने लड़ाई को बढ़ाने की योजना की निंदा करते हुए इसे 'न्यू वार क्राइम ' बताया है.

इस बीच, इजराइल के सहयोगी जर्मनी ने सैन्य निर्यात को रोकने का असाधारण कदम उठाया, क्योंकि उसे चिंता थी कि उनका इस्तेमाल गाजा में किया जा सकता है. नेतन्याहू ने इस कदम की हमास के लिए एक इनाम के रूप में निंदा की है. इस बीच इजरायल पीएम ऑफिस ने शुक्रवार को कहा कि हमास को हराने की नई योजना के तहत इजरायली सेना युद्ध क्षेत्रों के बाहर नागरिक आबादी को मानवीय सहायता वितरित करते हुए गाजा शहर पर नियंत्रण करने की तैयारी करेगी. हालांकि, नेतन्याहू ने एक्स पर एक पोस्ट में साफ-साफा शब्दों में कहा, 'इस नीति के तहत हम गाजा पर कब्ज़ा नहीं करने जा रहे हैं. हम गाजा को हमास से मुक्त कराने जा रहे हैं.'
नेतन्याहू ने कहा कि इस क्षेत्र का विसैन्यीकरण और एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रशासन की स्थापना हमारे बंधकों को मुक्त करने और भविष्य के खतरों को रोकने में मदद करेगी. बता दें कि इजरायल ने 1967 से गाजा पर कब्जा कर रखा था, लेकिन 2005 में अपने सैनिकों और वहां से वापस बुला लिया.
नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा कि कैबिनेट ने 'पाँच सिद्धांतों' को अपनाया है, जिनमें गाजा का विसैन्यीकरण और एक वैकल्पिक नागरिक प्रशासन की स्थापना शामिल है जो न तो हमास है और न ही फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण. इस योजना की दुनिया भर में तीखी आलोचना हुई, जिसमें चीन, तुर्की, ब्रिटेन और कई अरब सरकारों ने चिंता व्यक्त करते हुए बयान जारी किए हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं