
- अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की कोई योजना न होने की बात कही है
- वेंस ने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का मतलब स्पष्ट नहीं क्योंकि वहां कोई कार्यशील सरकार नहीं है
- कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के पक्ष में हैं.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फिलिस्तीनी मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि, फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की हमारी कोई योजना नहीं है. दरअसल अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकत की थी. इस मुलाकात में फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने पर चर्चा हुई.
'फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का क्या मतलब होगा?'
बातचीत के दौरान वेंस ने खुलासा किया कि उन्हें नहीं पता कि 'फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का क्या मतलब होगा, क्योंकि वहां कोई कार्यशील सरकार नहीं है.' उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका गाजा में और ज्यादा सहायता पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है'. साथ ही उन्होंने इस बात को भी सही माना कि हमारे कई साझा उद्देश्य हैं, लेकिन इन्हें कैसे हासिल किया जाए, इस पर बात नहीं बन पा रही है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने रखी शर्त
बता दें कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने हाल ही में वादा किया है कि, अगर इजराइल वॉर को रोकने के के लिए कदम नहीं उठाता है तो वे फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देंगे. इससे पहले कनाडा के प्रधान मंत्री मार्क कार्नी ने कहा था कि कनाडा सितंबर में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा, "कनाडा सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का इरादा रखता है."
कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन आए एक साथ
यानी कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन एक साथ दिख रहे हैं और इजरायल साफ तौर पर परेशान दिख रहा है. ओटावा (कनाडा की राजधानी) में इजरायली दूतावास ने कहा, "जवाबदेह सरकार, कामकाजी संस्थानों या परोपकारी नेतृत्व की अनुपस्थिति में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा की गई राक्षसी बर्बरता को पुरस्कृत करना और वैध बनाना है."
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