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This Article is From Nov 19, 2015

अमेरिका लौटाएगा चोल वंश के वक्त की शिव-पार्वती की मूर्ति

अमेरिका लौटाएगा चोल वंश के वक्त की शिव-पार्वती की मूर्ति
पिछले साल, ऑस्ट्रेलिया ने तमिलनाडु की मंदिर से चुराई गई दो मुर्तियां भारत को लौटाई थी
वाशिंगटन: चोल वंशकालीन शिव-पार्वती की कांसे की प्रतिमा अमेरिका से भारत लाई जाएगी। कुख्यात भारतीय आर्ट डीलर सुभाष कपूर के इशारे पर इस मूर्ति को तमिलनाडु से चुराया गया था और तस्करी कर अमेरिका ले जाया गया था।

बॉल स्टेट विश्वविद्यालय के डेविड आउजले म्यूजियम ऑफ आर्ट ने इस प्रतिमा को यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एंफोर्समेंट (आईसीई) के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टीगेशन (एचएसआई) को सौंपा है।

एचएसआई की सांस्कृतिक संपदा इकाई के स्पेशल एजेंट ने अपने 'ऑपरेशन हिडन आइडल्स' (छिपी प्रतिमाओं की खोज की कार्रवाई) में इस बात का पता लगाया कि इस प्रतिमा को दक्षिण भारत के एक मंदिर से लूटकर गैरकानूनी रूप से अमेरिका लाया गया था।

'ऑपरेशन हिडन आइडल्स' का केंद्रबिंदु कपूर की गतिविधियां हैं। कपूर अभी भारत में हिरासत में है। उस पर आरोप है कि उसने कई देशों से लाखों डालर की बेशकीमती प्राचीन चीजों की लूटखसोट की है।

शिव-पार्वती की कांसे की यह प्रतिमा न्यूयार्क ले जाई जाएगी, जहां इसका इस्तेमाल 'ऑपरेशन हिडन आइडल्स' में एक सबूत के तौर पर किया जाएगा। आखिरकार इस प्रतिमा और एचएसआई द्वारा खोजी गई चोल वंशकालीन छह अन्य पवित्र प्रतिमाओं को वापस भारत भेजा जाएगा।

एचआईएस ने बताया कि 2004 में यह प्रतिमा कपूर की मैडिसन एवेन्य गैलरी,आर्ट आफ द पास्ट पहुंच गई थी। कपूर ने इसे बेचने के लिए रखा था और इसके उद्भव के बारे में गलत तथ्य पेश किए थे।

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