अमेरिका में डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ते हैं..
वॉशिंगटन:
अमेरिका छात्रों के लिए सुरक्षित स्थल है - सुरक्षा चिंता बढ़ने के बाद अमेरिकी प्रशासन कैंपस में यह संदेश देने में जुटा है. पिछले सप्ताह ही अमेरिका के न्यूयॉर्क में कॉर्नेल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला भारतीय मूल का 20 वर्षीय एक छात्र मृत मृत पाया गया था. वह कई दिन से लापता था. आलाप नरसिपुरा नाम का यह छात्र कॉर्नेल्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का वरिष्ठ छात्र था. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी पुलिस ने न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस, इथाका पुलिस विभाग और इथाका दमकल विभाग के साथ काम कर उसका शव कल फॉल क्रीक से बरामद किया था. हालांकि पुलिस हत्या की आशंका को खारिज कर दिया था लेकिन अमेरिका में रहने वाले भारतीय छात्रों में इस घटना को लेकर बेचैनी जरूर है.
प्रशासन का कहना है कि कुछ घटनाएं अपवाद हैं और सामान्य नहीं हैं. राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख फ्रेड बोल ने NDTV को बताया कि अमेरिकी कैंपस सुरक्षित हैं. यह हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कुछ अपवाद हो सकते हैं लेकिन वे सामान्य घटनाएं नहीं हैं." डैमेज कंट्रोल का प्रयास करते हुए, उन्होंने जो कहा उसका मतलब तो यही है कि अमेरिका में भारतीय छात्रों के स्वागत है.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीयों पर हमलों की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. विवादास्पद आव्रजन प्रतिबंध के कारण भी भारतीय छात्रों के भविष्य को लेकर चिंताएं जाहिर की गई हैं. कई भारतीय परिवारों का अब कहना है कि वे अपने बच्चों को अमेरिका पढ़ाई के लिए भेजने को लेकर अनिश्चित हैं.
इलिनोइस में भारतीय मूल के संगठन के प्रमुख राजा कृष्णामूर्ति का कहना है कि अमेरिका को अच्छे लोगों की जरूर है. इस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए कि वे कहां से हैं और उन्हें बदलना नहीं चाहिए." उन्होंने कह कि हम अपने देश के लोगों के समर्थन में आगे आते हैं. हमारे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं." उनके मुताबिक, भारतीय छात्रों को छोटी से छोटी घटनाओं को बताना चाहिए. गौरतलब है कि अमेरिका में डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ते हैं.
प्रशासन का कहना है कि कुछ घटनाएं अपवाद हैं और सामान्य नहीं हैं. राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख फ्रेड बोल ने NDTV को बताया कि अमेरिकी कैंपस सुरक्षित हैं. यह हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कुछ अपवाद हो सकते हैं लेकिन वे सामान्य घटनाएं नहीं हैं." डैमेज कंट्रोल का प्रयास करते हुए, उन्होंने जो कहा उसका मतलब तो यही है कि अमेरिका में भारतीय छात्रों के स्वागत है.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीयों पर हमलों की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. विवादास्पद आव्रजन प्रतिबंध के कारण भी भारतीय छात्रों के भविष्य को लेकर चिंताएं जाहिर की गई हैं. कई भारतीय परिवारों का अब कहना है कि वे अपने बच्चों को अमेरिका पढ़ाई के लिए भेजने को लेकर अनिश्चित हैं.
इलिनोइस में भारतीय मूल के संगठन के प्रमुख राजा कृष्णामूर्ति का कहना है कि अमेरिका को अच्छे लोगों की जरूर है. इस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए कि वे कहां से हैं और उन्हें बदलना नहीं चाहिए." उन्होंने कह कि हम अपने देश के लोगों के समर्थन में आगे आते हैं. हमारे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं." उनके मुताबिक, भारतीय छात्रों को छोटी से छोटी घटनाओं को बताना चाहिए. गौरतलब है कि अमेरिका में डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ते हैं.
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