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This Article is From Oct 07, 2020

US ने H-1B वीज़ा पर जारी किए नए नियम, भारतीय IT प्रोफेशनल्स को होगा नुकसान

मंगलवार को जारी किए गए नए नियमों की पूरी डिटेल अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन जानकारी है कि इसमें 'विशेष व्यवसायों' की परिभाषा को बदला गया था. इसपर होमलैंड सिक्योरटी का कहना है कि कंपनियां इसके जरिए सिस्टम का गलत फायदा उठाती थीं.

US ने H-1B वीज़ा पर जारी किए नए नियम, भारतीय IT प्रोफेशनल्स को होगा नुकसान
होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने H-1B वीजा के नए नियमों की घोषणा की. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वॉशिंगटन:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन (Trump Administration) ने मंगलवार को टेक्नोलॉजी कंपनियों की ओर से बड़े स्तर पर इस्तेमाल किए जाने वाले इमिग्रेशन वीजा (Immigration Visas) को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं. ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि यह न सिस्टम अमेरिकियों  के लिए बेहतर होगा. होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने कुशल कामगारों के लिए जारी किए जाने वाले H-1B वीजा के लिए नए नियमों की घोषणा की. यह वीजा हर साल 85,000 प्रवासियों को दिया जाता है.

होमलैंड सिक्योरिटी के सेक्रेटरी चैड वुल्फ ने एक बयान में कहा, 'हम ऐसे वक्त में पहुंच गए हैं, जब आर्थिक सुरक्षा होमलैंड सिक्योरिटी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. आसान शब्दों में कहें तो आर्थिक सुरक्षा अब होमलैंड सिक्योरिटी है. हमें कानून के अंतर्गत रहते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि अमेरिकी कामगारों को वरीयता मिले.'

यह भी पढ़ें: अमेरिकी जज ने H-1B वीजा बैन पर लगाई रोक, बोले- राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने अधिकार से परे जाकर काम किया

प्रवासियों के नियमन को लेकर ट्रंप प्रशासन की कोशिशों में यह अगला कदम है. ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा प्रोग्राम पर दिसंबर, 2020 तक रोक लगा दी थी, जिसपर पिछले हफ्ते एक फेडरल जज ने रोक लगा दी है. मंगलवार को जारी किए गए नए नियमों की पूरी डिटेल अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन जानकारी है कि इसमें 'विशेष व्यवसायों' की परिभाषा को बदला गया था. इसपर होमलैंड सिक्योरटी का कहना है कि कंपनियां इसके जरिए सिस्टम का गलत फायदा उठाती थीं.

60 दिनों के कॉमेंट पीरियड (इस दौरान इसके खिलाफ सार्वजनिक आपत्तियां दाखिल की जा सकती हैं) के बाद इस प्रोग्राम को लागू कर दिया गया था. इसमें कंपनियों से विदेशियों को लाने से पहले अमेरिकी नागरिकों को 'असली' ऑफर देने का प्रावधान किया गया है. यह वीजा प्रोग्राम सिलिकॉन वैली की कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसी प्रोग्राम के तहत आईटी क्षेत्र और दूसरे कुशल क्षेत्रों में कामगारों को अमेरिका लाया जाता है. इनमें भारत से नौकरी के लिए अमेरिका जाने वाले आईटी प्रोफशनल्स की बड़ी संख्या है. प्रोग्राम के आलोचकों का कहना है कि इससे कुछ प्रोफेशनल क्षेत्रों में सैलरी का रेंज कम हो गया है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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