अमेरिका में काम करने के इच्छुक विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए एच-1बी वर्क वीजा से जुड़े नियमों में मंगलवार को बड़ा बदलाव किया गया. नए नियम के तहत अब एच-1बी वीजा के लिए प्रक्रिया पूरी तरह बदल दी गई है. अब तक वीजा पाने के लिए रैंडम लॉटरी सिस्टम लागू था, लेकिन इसे खत्म कर दिया गया है. इसकी जगह अब एक 'वेटेड सेलेक्शन प्रोसेस' लागू किया जाएगा, जिसमें अधिक कुशल (हायर स्किल्ड) और अधिक वेतन पाने वाले विदेशी पेशेवरों को प्राथमिकता दी जाएगी.
अमेरिकियों की नौकरियां सुरक्षित करना मकसद
एच-1बी वीजा को लेकर नए नियम अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) की तरफ से जारी किए गए हैं. इसका मकसद अमेरिकी कामगारों की नौकरियों, वेतन और कामकाजी परिस्थितियों की बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है. यह नियम अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) की ओर से लागू किया गया है.
लॉटरी सिस्टम के दुरुपयोग का आरोप
होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) का कहना है कि एच1बी वीजा के पुराने लॉटरी सिस्टम का लंबे समय तक गलत इस्तेमाल होता रहा है. कई अमेरिकी कंपनियां इस प्रक्रिया का फायदा उठाकर कम वेतन पर विदेशी कामगारों को लाती थी, जिससे अमेरिकी कर्मचारियों को नुकसान होता था.
यूएससीआईएस के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने कहा कि यह रैंडम सिस्टम कांग्रेस के मूल उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहा था. नए नियम से यह सुनिश्चित होगा कि एच-1बी वीजा उन्हीं विदेशी पेशेवरों को मिले, जिनकी योग्यता और वेतन स्तर ऊंचा है.
उच्च वेतन, उच्च कौशल वालों को प्राथमिकता
उन्होंने बताया कि नया चयन सिस्टम अमेरिकी कंपनियों को उच्च वेतन और उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इससे अमेरिका की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता मजबूत होगी, साथ ही अमेरिकी कामगारों के हितों की भी रक्षा होगी.
एच-1बी वीजा की संख्या में बदलाव नहीं
हालांकि एच-1बी वीजा की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हर साल 65 हजार एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं. अमेरिका से उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त करने वालों के लिए अतिरिक्त 20 हजार वीजा उपलब्ध रहते हैं. हालांकि, नए नियम के तहत चयन की संभावना अब ज्यादा कुशल और अधिक वेतन वाले आवेदकों के पक्ष में होगी, जबकि सभी वेतन स्तरों के लिए अवसर बने रहेंगे.
फरवरी से लागू होगा नया नियम
यह नया नियम 27 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2027 की एच-1बी कैप रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में प्रभावी रहेगा. डीएचएस का कहना है कि यह बदलाव एच-1बी कार्यक्रम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है. इस सुधार को ट्रंप प्रशासन की एच-1बी सुधार नीति का हिस्सा बताया गया है.
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