वाशिंगटन:
अमेरिका अपने विशेष बलों के 100 से अधिक प्रशिक्षकों को इस्लामाबाद द्वारा निकाले जाने पर पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की सैन्य मदद रोकने जा रहा है। समाचार पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' ने कांग्रेस के सदस्यों, पेंटागन और प्रशासन के अन्य अधिकारियों के हवाले से रविवार को बताया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब 80 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद और दो अरब डॉलर से अधिक के सैन्य उपकरणों की मदद को निरस्त कर सकता है अथवा स्थगित किया जा सकता है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी रुख में यह सख्ती संयुक्त चीफ ऑफ स्टॉफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन के उस बयान के कुछ दिनों के बाद आया है जिसमें मुलेन ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पर आरोप लगाया है कि उसके आदेश पर पत्रकार सलीम शहजाद का अपहरण और हत्या हुई। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षकों को निकालने पर पाकिस्तान को 'नियंत्रण' में रखने के उद्देश्य से सैन्य मदद रोकने की यह पहल की है। इसके अलावा अमेरिका तालिबान आतंकवादियों से और प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहता है। पाकिस्तान को रोके जाने वाली मदद में 30 करोड़ डॉलर की वह सैन्य सहायता भी शामिल है जो अमेरिका अफगानिस्तान की सीमा पर एक लाख से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती के लिए देता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका पाकिस्तान को सैन्य मदद के रूप में दिए जाने वाले राइफल, सुरक्षा कवच और रात्रि में देखे जाने वाले उपकरणों पर रोक लगा सकता है। पाकिस्तान ने हालांकि इन उपकरणों को लेने से इनकार किया है। रिपोर्ट में पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए पाकिस्तान के एबटाबाद में गत मई में हुई अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर पाकिस्तान शर्मिदगी महसूस कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने न केवल अमेरिकी कार्यक्रम के तहत अपने जवानों के प्रशिक्षण पर रोक लगाई है बल्कि सैन्य उपकरणों को स्थापित करने वाले अमेरिकी कर्मचारियों को वीजा देने से भी इनकार कर दिया है।