वाशिंगटन:
अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए कृत संकल्प है और वह कोई विकल्प भी नहीं छोड़ रहा है। बहरहाल, अमेरिका का यह भी मानना है कि यह समय कूटनीति अपनाने का है और इसकी गुंजाइश भी है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘हम ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए कृत संकल्प हैं। इस मुद्दे से निपटने के लिए विचार करते समय हम कोई विकल्प नहीं छोड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह समय ईरान पर उसका आचरण बदलने के लिए दबाव बनाने, नए प्रतिबंध लगाने से लेकर कूटनीति पर चलने का है और इसके लिए गुंजाइश भी है। कार्नी ने कहा कि ईरान के लिए एक और रास्ता यह है कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं का सम्मान करे, परमाणु हथियारों की अपनी महत्वाकांक्षा त्यागे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बाध्यताओं का पालन करते हुए उससे जुड़े। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि तेहरान पर दबाव बनाने के लिए अपने साझीदारों के साथ हमने जो रणनीति अपनाई है उसका ईरानी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है और हम इसे जारी रखेंगे।’’
कार्नी ने कहा कि अमेरिका अच्छी तरह जानता है कि ईरान अपनी बाध्यताओं का पालन करने में लगातार नाकाम रहा है, उसका वह आचरण जारी है जिसके चलते उसके परमाणु कार्यक्रम के इरादों पर संदेह जताया जाता रहा है और वह लगातार वही सब कर रहा है जिसने इस प्रक्रिया को ईरान के लिए और जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया इस तथ्य से अवगत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का बड़ा असर हुआ है। ’’ कार्नी ने कहा, ‘‘हम हर दिन, हर सप्ताह दबाव बढ़ाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करते हैं। इस्राइल की तरह ही हम भी ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के अथक प्रयासों के फलस्वरूप ईरान गहरे आर्थिक दबाव में है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘हम ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए कृत संकल्प हैं। इस मुद्दे से निपटने के लिए विचार करते समय हम कोई विकल्प नहीं छोड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह समय ईरान पर उसका आचरण बदलने के लिए दबाव बनाने, नए प्रतिबंध लगाने से लेकर कूटनीति पर चलने का है और इसके लिए गुंजाइश भी है। कार्नी ने कहा कि ईरान के लिए एक और रास्ता यह है कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं का सम्मान करे, परमाणु हथियारों की अपनी महत्वाकांक्षा त्यागे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बाध्यताओं का पालन करते हुए उससे जुड़े। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि तेहरान पर दबाव बनाने के लिए अपने साझीदारों के साथ हमने जो रणनीति अपनाई है उसका ईरानी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है और हम इसे जारी रखेंगे।’’
कार्नी ने कहा कि अमेरिका अच्छी तरह जानता है कि ईरान अपनी बाध्यताओं का पालन करने में लगातार नाकाम रहा है, उसका वह आचरण जारी है जिसके चलते उसके परमाणु कार्यक्रम के इरादों पर संदेह जताया जाता रहा है और वह लगातार वही सब कर रहा है जिसने इस प्रक्रिया को ईरान के लिए और जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया इस तथ्य से अवगत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का बड़ा असर हुआ है। ’’ कार्नी ने कहा, ‘‘हम हर दिन, हर सप्ताह दबाव बढ़ाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करते हैं। इस्राइल की तरह ही हम भी ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के अथक प्रयासों के फलस्वरूप ईरान गहरे आर्थिक दबाव में है।