वाशिंगटन:
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए अमेरिका ने उसकी संस्थाओं खासकर आईएसआई से कहा है कि वह तालिबान के हक्कानी नेटवर्क से संबंध समाप्त करे। इसके साथ ही अमेरिका ने मांग की कि संगठन के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। अमेरिका ने हालांकि कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में स्थायी कडुवाहट नहीं है और संवाद का रास्ता अब भी खुला हुआ है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने शुक्रवार शाम संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान का नेटवर्क के साथ जो भी संबंध है, उसे वह समाप्त करे और नेटवर्क के खिलाफ सख्त एवं तत्काल कार्रवाई करे, ताकि संगठन अमेरिका या पाकिस्तान के लोगों के लिए खतरा नहीं रह जाए। उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क दोनों देशों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन का मानना है और उसे जानकारी है कि काबुल में अमेरिकी दूतावास और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) मुख्यालय पर हमले सहित कई अन्य मामलों के लिए हक्कानी नेटवर्क जिम्मेदार है। इन हमलों में न सिर्फ अफगान नागरिक, बल्कि अमेरिकी सैनिक भी हताहत हुए। कार्ने ने कहा, हम जानते हैं कि हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकानों से काम करता है और पाकिस्तान की सरकार ने उन सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन सहित अन्य वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी इस मामले में पाकिस्तानी नेतृत्व से बातचीत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ महत्वपूर्ण संबंध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और सहयोग से अल कायदा को परास्त करने के प्रयासों में काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के हाथों काफी नुकसान उठाना पड़ा है और उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। हक्कानी नेटवक को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच वाक्युद्ध के बीच पेंटागन के एक अधिकारी ने जोर दिया कि दोनों देशों के बीच संवाद का रास्ता खुला हुआ है और संबंधों में स्थायी कड़ुवाहट नहीं आई है।