अमेरिका ने इस बात को लेकर ‘गहरा अफसोस’ जताया है कि भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ अभियोग लगाए जाने और उसके बाद उन्हें देश छोड़ने के लिए कहे जाने के पश्चात भारत ने एक अमेरिकी राजनयिक को देश छोड़ने के वास्ते कहना जरूरी समझा।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, हमें इस बात का गहरा अफसोस है कि भारत सरकार ने हमारे एक राजनयिक को निष्कासित करना जरूरी समझा। साकी ने कहा, मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि भारत सरकार के अनुरोध पर भारत स्थित (अमेरिकी) दूतावास का एक अधिकारी अपना पद छोड़ेगा। प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका-भारत संबंध में यह स्पष्ट रूप से चुनौती वाला समय है और अमेरिका यह उम्मीद करता है कि यह समाप्त नहीं होगा तथा भारत संबंधों में सुधार लाने और उन्हें ‘रचनात्मक स्थिति’ में वापस लाने के लिए ‘सार्थक कदम’ उठाएगा।
प्रवक्ता ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि यह समाप्त नहीं होगा और भारत अब हमारे साथ सार्थक कदम उठाएगा ताकि हमारे संबंध सुधर सकें और उन्हें एक रचनात्मक स्थिति में वापस लाया जा सके। इससे पहले भारत ने अमेरिका द्वारा भारतीय राजनयिक के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी मामले में आरोप लगाये जाने और उन्हें अमेरिका छोड़कर जाने के लिए कहे जाने के कुछ घंटों बाद ही एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।
निदेशक स्तर के अज्ञात अमेरिकी राजनयिक को भारत छोड़कर जाने के लिए ‘48 घंटे से कुछ अधिक समय दिया गया है।’ खोबरागड़े को गत 12 दिसम्बर को गिरफ्तार करने के बाद कपड़े उतारकर तलाशी ली गई और उन्हें अपराधियों के साथ जेल में बंद रखा गया जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अन्य कदमों के साथ ही अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाली कुछ छूट वापस ले ली।
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