प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिका ने रूस पर चुनाव से जुड़ी वेबसाइटों और ईमेल सिस्टम हैक कर अपने राष्ट्रपति पद के चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. वहीं रूस ने इन आरोपों को 'बकवास' बताया है.
अमेरिका के आतंरिक सुरक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक द्वारा जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया, 'अमेरिकी खुफिया समुदाय (यूएसआईसी) को पूरा यकीन है कि हाल में अमेरिकी लोगों और राजनीतिक संगठनों सहित अमेरिकी संस्थानों के ईमेल की हैकिंग का निर्देश रूस सरकार ने दिया था.' इसमें आरोप लगाया गया है कि हाल में डीसीलीक्स.कॉम और विकीलीक्स जैसी वेबसाइटों से संबंधित ईमेल की कथित हैकिंग और गुचीफर 2.0 ऑनलाइन द्वारा की गयी हैकिंग के खुलासे का तौर तरीका रूस द्वारा निर्देशित प्रयासों के तौर तरीके से मिलता जुलता है.
बयान के अनुसार, 'इस चोरी और खुलासे का इरादा अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना है.' इसमें आरोप लगाया गया कि इस तरह की गतिविधि रूस के लिए नई नहीं है. उदाहरण के तौर पर रूसियों ने यूरोप और यूरोशिया में जनता की राय को प्रभावित करने के लिए इसी तरह की चालों और तकनीकों का इस्तेमाल किया था.
बयान में कहा गया, 'इन प्रयासों की गुंजाइश और संवेदनशीलता को देखते हुए हमारा मानना है कि केवल रूस के वरिष्ठतम अधिकारी ही इन गतिविधियों का आदेश दे सकते थे.'
हालांकि रूस ने अमेरिकी राजनीतिक संगठनों से संबंधित हैकिंग के पीछे अपना हाथ होने के अमेरिका के आरोप को 'बकवास' बताया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स से कहा, 'वह फिर से एक तरह की बकवास कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हर दिन लाखों हैकर (राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन की वेबसाइट हैक करते हैं. इनमें से बहुत सारे (साइबर) हमले अमेरिका से होते हैं, लेकिन हम हर बार व्हाइट हाउस या लांग्ले (सीआईए का मुख्यालय) को दोषी नहीं ठहराते.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिका के आतंरिक सुरक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक द्वारा जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया, 'अमेरिकी खुफिया समुदाय (यूएसआईसी) को पूरा यकीन है कि हाल में अमेरिकी लोगों और राजनीतिक संगठनों सहित अमेरिकी संस्थानों के ईमेल की हैकिंग का निर्देश रूस सरकार ने दिया था.' इसमें आरोप लगाया गया है कि हाल में डीसीलीक्स.कॉम और विकीलीक्स जैसी वेबसाइटों से संबंधित ईमेल की कथित हैकिंग और गुचीफर 2.0 ऑनलाइन द्वारा की गयी हैकिंग के खुलासे का तौर तरीका रूस द्वारा निर्देशित प्रयासों के तौर तरीके से मिलता जुलता है.
बयान के अनुसार, 'इस चोरी और खुलासे का इरादा अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना है.' इसमें आरोप लगाया गया कि इस तरह की गतिविधि रूस के लिए नई नहीं है. उदाहरण के तौर पर रूसियों ने यूरोप और यूरोशिया में जनता की राय को प्रभावित करने के लिए इसी तरह की चालों और तकनीकों का इस्तेमाल किया था.
बयान में कहा गया, 'इन प्रयासों की गुंजाइश और संवेदनशीलता को देखते हुए हमारा मानना है कि केवल रूस के वरिष्ठतम अधिकारी ही इन गतिविधियों का आदेश दे सकते थे.'
हालांकि रूस ने अमेरिकी राजनीतिक संगठनों से संबंधित हैकिंग के पीछे अपना हाथ होने के अमेरिका के आरोप को 'बकवास' बताया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स से कहा, 'वह फिर से एक तरह की बकवास कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हर दिन लाखों हैकर (राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन की वेबसाइट हैक करते हैं. इनमें से बहुत सारे (साइबर) हमले अमेरिका से होते हैं, लेकिन हम हर बार व्हाइट हाउस या लांग्ले (सीआईए का मुख्यालय) को दोषी नहीं ठहराते.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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