- यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि अमेरिका ने शांति समझौते के तहत 15 साल की सुरक्षा गारंटी दी है
- जेलेंस्की ने कहा कि रूस को पूरी तरह रोकने के लिए 30, 40, 50 साल तक की सुरक्षा प्रतिबद्धता जरूरी है
- क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि 20 सूत्रीय शांति समझौते पर पुतिन और ट्रंप जल्द ही बात कर सकते हैं
रूस और यूक्रेन के बीच करीब चार साल से जारी युद्ध खत्म करने को लेकर इस वक्त काफी हलचल है. अमेरिका और यूक्रेन ने मिलकर जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव तैयार किया है, उस पर रूस विचार कर रहा है. इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बड़ा दावा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने शांति समझौते के तहत यूक्रेन को 15 साल की सुरक्षा गारंटी देने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि जेलेंस्की इससे भी अधिक चाहते हैं.
ट्रंप से मुलाकात काफी सकारात्मकः जेलेंस्की
फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक दिन पहले हुए अपनी मुलाकात की जानकारी देने के लिए जेलेंस्की ने कीव में सोमवार को मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रंप से उनकी मुलाकात काफी सकारात्मक रही. डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि रूस और यूक्रेन समझौते के बेहद करीब हैं.
युद्ध खत्म करने के लिए ठोस गारंटी जरूरी
जेलेंस्की ने हालांकि साफ किया कि बिना ठोस अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी के यह जंग वास्तव में खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से 15 साल की सुरक्षा गारंटी अच्छी है, लेकिन रूस को पूरी तरह रोकने के लिए 50 साल की प्रतिबद्धता ज्यादा असरदार रहेगी. ट्रंप ने भी इसे 15 साल से आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं. हालांकि सिक्योरिटी गारंटी में क्या-कुछ होगा, इसका खुलासा नहीं किया गया है.
Our teams have discussed this, and yesterday we agreed with the President of the United States that we will have strong security guarantees from the United States. At present, they are not permanent. In the documents, the guarantees are set for 15 years, with the possibility of…
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) December 29, 2025
इन मुद्दों पर बना हुआ है टकराव
शांति समझौते पर बातचीत आगे बढ़ रही है, लेकिन कुछ मु्द्दों को लेकर अब भी टकराव बना हुआ है. ट्रंप ने भी माना था कि युद्ध खत्म कराने के शांति समझौते के काफी करीब पहुंच चुके हैं, लेकिन कुछ जटिल मुद्दों पर पेच अब भी फंसा हुआ है.
जेलेंस्की का कहना है कि डोनबास इलाके के भविष्य और ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के कंट्रोल को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. उनके मुताबिक, ये दो सबसे कांटेदार मुद्दे हैं.
ट्रंप से जल्दी बातचीत कर सकते हैं पुतिन
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति पुतिन और ट्रंप जल्द ही इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं. हालांकि उनका ये भी कहना था कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत की अभी कोई संभावना नहीं है.
जेलेंस्की ने संकेतों में कहा कि शांति समझौते की निगरानी के लिए सहयोगी देशों की मौजूदगी जरूरी होगी. हालांकि रूस पहले ही कह चुका है कि वह अपनी सीमा के पास नाटो सैनिकों की तैनाती कभी स्वीकार नहीं करेगा.
जेलेंस्की यह भी चाहते हैं कि 20 सूत्रीय शांति योजना पर अंतिम मुहर यूक्रेन की जनता जनमत संग्रह के जरिए लगाए. लेकिन इसके लिए कम से कम 60 दिनों का संघर्षविराम जरूरी है, लेकिन रूस इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं दिख रहा है.
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