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This Article is From Aug 28, 2013

सीरिया पर हमले के लिए भूमिका तैयार, कैमरन और ओबामा ने की बात

सीरिया पर हमले के लिए भूमिका तैयार, कैमरन और ओबामा ने की बात
लंदन/दमिश्क: अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने कथित रासायनिक हमले को लेकर सीरिया पर सैन्य कार्रवाई करने की भूमिका तैयार कर ली है और ताजा स्थिति पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बातचीत हुई है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने यह कहकर सीरिया के खिलाफ हमले के लिए जमीन तैयार कर दी कि पिछले सप्ताह हुए कथित रासायनिक हमले के पीछे सिर्फ सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद शासन के सुरक्षा बलों का हाथ हो सकता है।

ब्रिटेन ने भी अमेरिकी रुख का समर्थन करते हुए कहा है कि कथित रासायनिक हमले के लिए असद शासन के सुरक्षा बल जिम्मेदार हैं।

कैमरन ने कहा है कि लंदन और उसके सहयोगी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या आगे रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोकने के लिए लक्षित सैन्य कार्रवाई की जरूरत है।

ओबामा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज को बताया कि सीरिया में प्रमुख ठिकानों पर गुरुवार तक हमला किया जा सकता है।

अमेरिका और उसके सहयोगी देश कथित रासायनिक हमले के बाद सीरिया के बशर अल असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। दमिश्क के निकट बीते 21 अगस्त को कथित रासायनिक हमला हुआ था जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत की खबर थी। सीरिया की सरकार ने इस कथित रासायनिक हमले के लिए विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है।

कैमरन ने सीरिया के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर ओबामा से फोन पर बातचीत की है। प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट के अधिकारियों के अनुसार कैमरन ने इस मुद्दे पर अमेरिका के ताजा विचार जाने।

अमेरिका में आज होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक और गुरुवार को ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन में सीरिया को लेकर होने वाले मतदान से पहले दोनों नेताओं की बातचीत हुई है।

कथित रासायनिक हमले के बाद ओबामा और कैमरन के बीच यह दूसरी बार बातचीत हुई है।

रूस की चेतावनी के बावजूद अमेरिका और उसके सहयोगी देश सीरिया पर हमले की तैयारी करते नजर आ रहे हैं। मॉस्को का कहना है कि सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के भयावह परिणाम हो सकते हैं।

उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सुरक्षा परिषद का आह्वान किया है कि सीरिया में शांति के लिए वह एकजुट हो जाएं।

मून ने कहा, ‘‘विश्व में शांति के लिए सीरिया सबसे बड़ी चुनौती है। यह निकाय अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को कायम रखने के लिए है। सीरिया में शांति के लिए सुरक्षा परिषद को एकजुटता दिखानी चाहिए।’’

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