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This Article is From May 14, 2013

अमेरिकी न्याय विभाग ने गुपचुप तरीके से हासिल किए एपी के फोन रिकॉर्ड

अमेरिकी न्याय विभाग ने गुपचुप तरीके से हासिल किए एपी के फोन रिकॉर्ड
वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम कर रहे पत्रकारों के दो माह के टेलीफोन रिकॉर्ड गुपचुप तरीके से हासिल किए हैं।

वैश्विक समाचार एजेंसी ने इस कदम को समाचार एकत्र करने के अपने तरीके में ‘अप्रत्याशित घुसपैठ’ करार दिया है।

अमेरिकी न्याय विभाग एक साल से अलकायदा की एक नाकाम साजिश के बारे में गोपनीय सूचना की जानकारी के लिए जांच कर रहा है। इसी सिलसिले में उसने एपी के गोपनीय फोन रिकॉर्ड हासिल किए हैं।

एपी का मुख्यालय न्यूयार्क में है। समाचार एजेंसी का आरोप है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने एसोसिएटेड प्रेस के दो माह के जो टेलीफोन रिकॉर्ड गुपचुप तरीके से हासिल किए हैं उनमें से ज्यादातर रिकॉर्ड आउटगोइंग कॉल्स के हैं। ये रिकॉर्ड, खास तौर पर उसके न्यूयार्क और वॉशिंगटन सहित अन्य कार्यालयों के, कई संवाददाताओं के और संपादकों के हैं।

एक बयान में एपी ने कहा है कि न्याय विभाग ने 10 मई को उससे कहा कि उसने समाचार एजेंसी की 20 से अधिक उन टेलीफोन लाइनों के टेलीफोन रिकॉर्ड गोपनीय तरीके से हासिल किए हैं जो लाइनें एपी के पत्रकारों और कार्यालयों को दी गई थीं। इनमें सेल फोन की और घर के फोन की लाइनें शामिल हैं।

बयान में एपी ने कहा है ‘एपी न्याय विभाग से इस विशिष्ट कार्रवाई पर तत्काल स्पष्टीकरण देने, सभी रिकॉर्ड वापस करने तथा उसकी सभी प्रतियां नष्ट करने के लिए कह रही है।’ समाचार एजेंसी ने इसे समाचार एकत्र करने और उनकी खबरें देने के अपने संवैधानिक अधिकार में गंभीर हस्तक्षेप करार दिया है। उसका कहना है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने जो किया वह खबरें एकत्रित करने सम्बंधी गतिविधियों में ‘व्यापक और अप्रत्याशित अतिक्रमण’ है।

अमेरिकी न्याय विभाग के कदम का विरोध करते हुए एपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गैरी प्रूइट ने आरोप लगाया कि सरकार ने जो सूचनाएं हासिल की हैं वह किसी जांच विशेष को जायज ठहराने वाली कार्रवाई से परे हो सकती हैं।

प्रूइट ने अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर को लिखे पत्र में कहा है कि जो रिकॉर्ड न्याय विभाग ने हासिल किए हैं वह दो माह की अवधि में समाचार जुटाने की गतिविधियों से जुड़े गोपनीय सूत्रों के साथ हुई बातचीत का खुलासा कर सकते हैं।

एपी के अनुसार, पूर्व में कई सरकारी अधिकारी कह चुके हैं कि वह इस बात की जांच कर रहे हैं कि नाकाम आतंकवादी साजिश के बारे में 7 मई 2012 की एपी की स्टोरी के बारे में जानकारी किसने दी थी।

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