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This Article is From Mar 03, 2022

Ukraine Crisis: US में India के साथ संबंधों पर उठे सवाल, Russia से S-400 खरीद पर प्रतिबंधों का मुद्दा हुआ गर्म

Ukraine Crisis: US में "अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर" के चर्चा के बाद भारत की रूस से S-400 खरीद का मुद्दा फिर से उठा. भारत उन 35 देशों में शामिल है जिन्होंने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा के लिए किए गए वोट से बाहर रहने का फैसला किया था. 

Ukraine Crisis: US में India के साथ संबंधों पर उठे सवाल, Russia से S-400 खरीद पर प्रतिबंधों का मुद्दा हुआ गर्म
India लगातार US से यह कहा है कि Russia से  S-400 खरीदना उसके राष्ट्रीय हित में है

रूस (Russia) और अमेरिका (US) के बीच यूक्रेन (Ukraine) पर बढ़ते विवाद का भारत (India) के रूस के साथ रक्षा समझौतों (Defense Deal) पर असर पड़ने जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) का प्रशासन अब इस बारे में विचार कर रहा है कि रूस से  S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (Missile Defense System) खरीदने को लेकर भारत पर, अमेरिका के CAATSA नियमों के अंतर्गत प्रतिबंध (Sanction) लगाया जाए या नहीं. इसमें अमेरिका के लिए खतरा बने देशों  पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं और उन देशों पर भी जो इनसे हथियार खरीदते हैं.  

Ukraine Crisis के बीच India ने UN में Russia के खिलाफ निंदा प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लिया था. बाइडेन प्रशासन अब इस बारे में विचार कर रहा है कि रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम खरीद को लेकर भारत पर  प्रतिबंध को लेकर क्या फैसला किया जाए. अमेरिका के डिप्लोमैट डोनाल्ड लू ने बुधवार को यह जानकारी दी.  

लू की टिप्पणी अमेरिकी सांसदों की तरफ से भारत की आलोचना के बाद आई है. अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन और सत्ताधारी डेमोक्रैट दोनों पार्टियों ने "अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर" के चर्चा के बाद इस मुद्दे पर बात की. भारत उन 35 देशों में शामिल है जिन्होंने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा के लिए किए गए वोट से बाहर रहने का फैसला किया था. 

भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा में भारत-रूस का रक्षा सहयोग और रूस से S-400 Triumf मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा कई बार उठा. 

लु ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है कि वो भारत पर CAATSA नियमों के तहत प्रतिबंध लगाएंगे या नहीं. 

उन्होंने कहा, "मैं ये कह सकता हूं कि अब भारत अमेरिका का अहम रक्षा सहयोगी है और हम आगे भी इस साझेदारी को सम्मान देना जारी रखेंगे."

अमेरिका ने चीन को टक्कर देने के लिए भारत के साथ बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते मज़बूत किए हैं. बाइडेन प्रशासन ने अब तक रूस के साथ व्यापार को लेकर प्रतिबंध लगाने वाले कानून के अंतर्गत भारत पर प्रतिबंधों को टाला है.  

भारत के लिए जरूरी S-400

कुछ समय पहले ही अमेरिका की तरफ से ये बयान आया था कि अगर भारत यूक्रेन संकट के दौरान तल्ख हुए अमेरिका-रूस संबंधों के दौरान S-400 खरीद पर कोई अंतिम फैसला ना ले तो बेहतर होगा.   

अमेरिका ने कहा था कि भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेचना, क्षेत्र और शायद उससे बाहरी इलाकों को अस्थिर करने में रूस की भूमिका पर "प्रकाश डालता है."

अमेरिका की तरफ से सख्त आपत्ति और बाइडेन प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों के खतरे के बावजूद भारत ने अपने फैसले को बदलने से इंकार कर दिया था और रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद प्रक्रीया पर आगे बढ़ रहा है. 

 2 अगस्त 2017 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने CAATSA क़ानून पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत अमेरिका ने रूस, नॉर्थ कोरिया और ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए थे. इसमें अमेरिका की विदेश नीति या उसके सुरक्षा हितों को सर्वोपरि रखा गया है और प्रतिबंधित देशों के साथ बड़े सौदे करने करने वाले देशों पर भी प्रतिबंध की वकालत है. 

अमेरिका लगातार भारत के रूस से कई बिलियन का मिसाइल सुरक्षा तंत्र S-400 खरीदने पर अपनी चिंताएं जताता रहा है. भारत ने लगातार यह कहा है कि रूस से  S-400 खरीदना उसके राष्ट्रीय हित में है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होती है.  
 


 

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