उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (फाइल फोटो)
संयुक्त राष्ट्र:
उत्तर कोरिया द्वारा शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद अमेरिका ने उस पर कठोर से कठोर कदम उठाने की मांग की है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह उन सभी देशों के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने पर विचार कर रहे हैं, जो उत्तर कोरिया के साथ कारोबार कर रहे हैं. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने वाला तथा उसके 'खतरनाक' परमाणु इरादों में सहायता करने वाला प्रत्येक देश उसके राडार पर है. वहीं, चीन ने उत्तर कोरिया के साथ संकट का समाधान करने के लिए राजनयिक बातचीत करने का अनुरोध किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चेताया कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में अशांति और युद्ध की अनुमति नहीं देगा. रूस ने भी यही अपील की.
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संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, 'इस समस्या को समाप्त करने के लिए सभी कूटनीतिक तरीकों को झोंक देने का वक्त आ गया है और इसका तात्पर्य है कि यहां तत्काल कठोरतम संभव कदम उठाए जाएं.' निक्की ने कहा, 'कठोरतम कदम ही हमें इस समस्या को कूटनीतिक तरीके से हल करने में सहायता करेगा.' वहीं, चीन ने उत्तर कोरिया के साथ संकट का समाधान करने के लिए राजनयिक बातचीत करने का अनुरोध किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चेताया कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में अशांति और युद्ध की अनुमति नहीं देगा. चीनी राजदूत लिउ जेइयी ने कहा, प्रायद्वीप के मुद्दे को शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए. चीन प्रायद्वीप पर अराजकता और युद्ध की अनुमति कभी नहीं देगा.
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रूस ने भी यही अपील की और कहा कि उत्तरी कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर पैदा हुए संकट का निपटान करने के लिए राजनयिक वार्ता ही एकमात्र तरीका है. बहरहाल अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्रस्ताव को 'अपमानजनक' करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि समय आ गया है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ 'कठोरतम कार्रवाई' करते हुए उस पर दबाव बनाया जाए.
(इनपुट एजेंसियों से)
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संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, 'इस समस्या को समाप्त करने के लिए सभी कूटनीतिक तरीकों को झोंक देने का वक्त आ गया है और इसका तात्पर्य है कि यहां तत्काल कठोरतम संभव कदम उठाए जाएं.' निक्की ने कहा, 'कठोरतम कदम ही हमें इस समस्या को कूटनीतिक तरीके से हल करने में सहायता करेगा.' वहीं, चीन ने उत्तर कोरिया के साथ संकट का समाधान करने के लिए राजनयिक बातचीत करने का अनुरोध किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चेताया कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में अशांति और युद्ध की अनुमति नहीं देगा. चीनी राजदूत लिउ जेइयी ने कहा, प्रायद्वीप के मुद्दे को शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए. चीन प्रायद्वीप पर अराजकता और युद्ध की अनुमति कभी नहीं देगा.
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रूस ने भी यही अपील की और कहा कि उत्तरी कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर पैदा हुए संकट का निपटान करने के लिए राजनयिक वार्ता ही एकमात्र तरीका है. बहरहाल अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्रस्ताव को 'अपमानजनक' करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि समय आ गया है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ 'कठोरतम कार्रवाई' करते हुए उस पर दबाव बनाया जाए.
(इनपुट एजेंसियों से)
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