
- भारत-अमेरिका संबंधों को ट्रंप के राज में 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से नुकसान पहुंचा है.
- अमेरिकी कंपनियों के विरोध और बॉयकाट की मांग सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ी है.
- दोनों देशों के बीच अभी भी व्यापारिक समझौते पर बातचीत जारी है.
बिल क्लिंटन के शासन के आखिरी सालों में शुरू किए प्रयासों और बुश से लेकर ओबामा और बाइडेन की तमाम कोशिशों के बाद भारत और अमेरिका संबंध परवान चढ़ने शुरू हुए, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने एक झटके में दोस्त भारत को झटका दे दिया. अमेरिका के इन सभी राष्ट्रपतियों को अंदाजा था कि आने वाले भविष्य में भारत की जरूरत उनके देश को कितनी होगी, मगर ट्रंप तो ट्रंप ठहरे 50 फीसदी टैरिफ मित्र देश भारत पर ही लगा दिया. भारत ने इस पर संयमित रुख अपनाया है. हालांकि, भारत और अमेरिकी जनता को ये पसंद नहीं आ रहा. अमेरिका में जहां नेता से लेकर आम लोग ट्रंप के रुख से असहमत दिख रहे हैं, वहीं भारत में भी अमेरिकी कंपनियों के बॉयकाट की डिमांड हो रही है और वो भी अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर. एक्स पर ये हैशटैग ट्रेंड कर रहा है.
अमेरिका-भारत के बीच उम्मीद बाकी?

अमेरिका और भारत न सिर्फ लोकतंत्र के चलते एक-दूसरे के नजदीक आए, बल्कि दोनों के हित भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. अमेरिका को अपने हितों की सुरक्षा के लिए भारत का साथ चाहिए तो भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अमेरिका की मदद चाहिए. भारत की जनसंख्या के जरिए अमेरिका लाभ उठा सकता है तो अमेरिका की टेक्नोलॉजी के जरिए भारत मजबूत हो सकता है. यही सोच दोनों देशों का नेतृत्व एक-दूसरे के करीब आया. मगर, अब सब कुछ दोराहे पर है. अभी भी भारत-अमेरिका में ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच चल रही ये ऊहापोह की स्थिति समाप्त होगी. मगर, नुकसान तो हो चुका है. नुकसान विश्वास का. नुकसान जनता से जनता के जुड़ाव का. एक समय वो भी था, जब सोशल मीडिया पर भारत के लोग ट्रंप और कमला के राष्ट्रपति चुनाव में आपस में ही बंट गए थे. किसी को ट्रंप पसंद थे तो किसी को कमला. ऐसा लग रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारत के लोगों की भी भागीदारी है, मगर अब अमेरिका विरोधी माहौल बनने लगा है.
एक्स पर भारत-अमेरिका को लेकर क्या दावे
लोग अलग-अलग आंकड़े ला रहे हैं. कैंडल क्वीन नाम के एक एक्स यूजर ने अलग-अलग पोस्ट के जरिए बॉयकाट के पोस्ट किए हैं. इसी तरह सूरज सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा है, "खुद कृष भी हैरान है". चंद्र प्रकाश मिश्रा ने लिखा "स्वदेशी आंदोलन फिर से! जैसे कभी अंग्रेज़ी सामान के खिलाफ लड़ा था भारत, अब वक्त है अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक कब्ज़े से आज़ादी पाने का. अपनों का साथ दो, स्वदेशी अपनाओ. देश से अपील है — Boycott American Corporations!"
Khud Krrish bhi hairan hai 😂#SwadeshiVsUSA pic.twitter.com/QEZPczM9uG
— Sooraj Singh 🇮🇳 (@imsrj0143) August 7, 2025
भारत और अमेरिका के रिश्ते इतने गहरे हो चले थे कि अमेरिकी कंपनियां घर-घर तक और गांव-गांव तक अपनी पहुंच रखती हैं. हर भारतीय किसी न किसी अमेरिकी कंपनी का उपभोक्ता जरूर है. ऐसे में ट्रंप के फैसलों से जाहिर है आम जनता तक में नाराजगी देखी जा रही है. यहां जानिए भारत में मजबूत पकड़ रखने वाली टॉप अमेरिकी कंपनियां...
टेक्नोलॉजी और डिजिटल
- अमेजन
- गुगल
- फेसबुक, मेटा
- एडोब
- माइक्रोसॉफ्ट
- एक्स
- एप्पल
फैशन एंड लाइफस्टाइल
- नाइकी
- Levi's
- Tommy Hilfiger
- Ralph Lauren
- Calvin Klein
हेल्थकेयर एंड फार्मा
- जॉनसन एंड जॉनसन
- Pfizer
- Abbott
- Procter & Gamble
फाइनेंस एंड कंसल्टिंग सर्विस
- Goldman Sachs
- JP Morgan Chase
- Morgan Stanley
- Master Card Visa Payments
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