दक्षिण एशियाई देश थाईलैंड में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद वहां लोकतांत्रिक शासन की फिर स्थापना की मांग करते हुए अमेरिका ने थाईलैंड के साथ चल रहे सैन्य अभ्यास को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने कई द्विपक्षीय करार भी रद्द कर दिए हैं।
कई माह तक सरकार-विरोधी प्रदर्शन चलने के बाद गुरुवार को थाईलैंड की सेना ने तख्तापलटी के जरिये सत्ता पर कब्जा जमा लिया। सेना जुंटा ने कल देश की सीनेट को भंग कर दिया। तख्तापलटी के बाद तेज गति से कार्रवाई करते हुए इसने प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा और सत्ता से हटाई गई सरकार के अन्य शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
पेंटागन के प्रेस सचिव रियर एडमिरल जॉन किर्बी ने कल एक बयान में कहा, 'हालांकि थाईलैंड के साथ हमारे दीर्घकालिक और सकारात्मक सैन्य संबंध रहे हैं। हमारे अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और अमेरिकी कानून के अनुसार हमें अमेरिकी सैन्य सहयोग और करारों पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।'
किर्बी ने कहा कि पेंटागन जारी अभ्यास सीएआरएटी 2014 को रद्द कर रहा है। 700 अमेरिकी सैनिकों की भागीदारी वाले इन वाषिर्क नौसैन्य अभ्यासों में नौसैनिक, नाविक, जहाज और विमान शामिल हैं।
किर्बी ने कहा, 'जैसा कि हमने स्पष्ट कर ही दिया है कि रॉयल थाई आम्र्ड फोर्सेज (थाईलैंड के सैन्य बल) को इस सैन्य तख्तापलट को खत्म करना चाहिए और थाईलैंड की जनता के लिए लोकतांत्रिक शासन के सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को वापस बहाल करना चाहिए। इसके साथ ही चुनावों के लिए भी रास्ता साफ करना चाहिए।'
पेंटागन ने जून में अमेरिकी प्रशांत बेड़े के कमांडर एडमिरल एैरी हैरिस की प्रस्तावित थाईलैंड यात्रा भी रद्द कर दी। इसके साथ ही उसने रॉयल थाई आर्म्ड फोर्सेज के कमांडर जनरल तानासाक को जून में अमेरिकी प्रशांत कमांड आने के लिए दिया जाने वाला निमंत्रण भी रद्द कर दिया।
विदेश मंत्रालय की उपप्रवक्ता मैरी हार्फ ने एक अलग बयान में कहा, 'हम तत्काल नागरिक शासन की बहाली, बंदी बनाए गए नेताओं की रिहाई, जल्दी चुनावों के जरिये लोकतंत्र की बहाली और मानवाधिकारों एवं मूलभूत स्वतंत्रता के सम्मान की मांग करते हैं।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं