प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिका के राज्य विधानसभा चुनाव में कम से कम तीन भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधियों की जीत हुई है. अमेरिका में विधानसभा चुनाव इस हफ्ते आम चुनाव के साथ ही हुआ था.
सैन होसे के पाषर्द अश कालरा कैलिफोर्निया जिले की 27वीं विधानसभा से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी जीत दर्ज की. कालरा कैलिफार्निया विधानसभा से चुनाव जीतने वाले पहले प्रतिनिधि हैं. उन्हें कुल 52.4 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी को मात्र 47.46 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला.
वह सैन जोस के पाषर्द बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी भी हैं, ओहियो के 42वीं विधानसभा से 25 वर्षीय नीरज अटानी ने फिर से जीत दर्ज की है. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ा था. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 25 प्रतिशत से ज्यादा मतों से शिकस्त दी.
अटानी ने कहा, 'भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधि के तौर पर मुझे ओहियो विधानसभा से फिर से जीतने की उम्मीद थी. मैं अमेरिकियों के सपनों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा.'
इसी तरह नार्थ कैरोलिना से जय चौधरी ने राज्य विधानसभा में फिर से अपनी जीत दर्ज की. वह डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार थे और वह करीब 30 प्रतिशत मतों से विजयी हुए. चौधरी के माता-पिता 1972 में फयेन्टविले में आकर बस गए थे. उनके पिता यहां अस्पताल में काम करते थे.
प्रमिला मलिक और नील कखीजा को न्यूयॉर्क और पेंसिल्वेनिया में हार मिली. मुदिता भार्गव भी कनेक्टिकट विधानसभा से पराजित हो गईं. सैयद तेज भी मिशिगन के केंटन टाउनशिप के नेतृत्व की लड़ाई हार गए हैं. वह रिपब्लिकन पार्टी के पैट विलियम से पराजित हुए, जबकि वीरू पटेल को न्यूजर्सी के वुडब्रिड सिटी से फिर से चुन लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सैन होसे के पाषर्द अश कालरा कैलिफोर्निया जिले की 27वीं विधानसभा से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी जीत दर्ज की. कालरा कैलिफार्निया विधानसभा से चुनाव जीतने वाले पहले प्रतिनिधि हैं. उन्हें कुल 52.4 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी को मात्र 47.46 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला.
वह सैन जोस के पाषर्द बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी भी हैं, ओहियो के 42वीं विधानसभा से 25 वर्षीय नीरज अटानी ने फिर से जीत दर्ज की है. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ा था. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 25 प्रतिशत से ज्यादा मतों से शिकस्त दी.
अटानी ने कहा, 'भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधि के तौर पर मुझे ओहियो विधानसभा से फिर से जीतने की उम्मीद थी. मैं अमेरिकियों के सपनों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा.'
इसी तरह नार्थ कैरोलिना से जय चौधरी ने राज्य विधानसभा में फिर से अपनी जीत दर्ज की. वह डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार थे और वह करीब 30 प्रतिशत मतों से विजयी हुए. चौधरी के माता-पिता 1972 में फयेन्टविले में आकर बस गए थे. उनके पिता यहां अस्पताल में काम करते थे.
प्रमिला मलिक और नील कखीजा को न्यूयॉर्क और पेंसिल्वेनिया में हार मिली. मुदिता भार्गव भी कनेक्टिकट विधानसभा से पराजित हो गईं. सैयद तेज भी मिशिगन के केंटन टाउनशिप के नेतृत्व की लड़ाई हार गए हैं. वह रिपब्लिकन पार्टी के पैट विलियम से पराजित हुए, जबकि वीरू पटेल को न्यूजर्सी के वुडब्रिड सिटी से फिर से चुन लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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