- अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए 28 प्वाइंट वाला शांति प्लान बनाया है
- यूक्रेन को अपनी जमीन पर रूस कब्जे को मान्यता देनी होगी और सेना को आधे से भी कम करना होगा
- यूक्रेन को संविधान बदलना होगा और नाटो में कभी शामिल न होने की बात जोड़नी होगी, 100 दिन में चुनाव भी कराना है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच 3.5 साल से अधिक समय से चल रहे जंग को रोकने का प्लान लेकर आए हैं. यह 28 प्वाइंट वाला ऐसा प्लान है जिसे स्वीकार करना यूक्रेन के लिए बहुत मुश्किल होगा. एक तरह से यूक्रेन को उसके दोस्त अमेरिका ने कहा है कि अगर रूसी हमलों को रुकवाना है तो उसके सामने सरेंडर कर दो. उसे अपनी जमीन दे दो, अपनी सेना छोटी कर लो. यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें "आने वाले दिनों में" ट्रंप के साथ इस शांति योजना पर चर्चा करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते से "गरिमापूर्ण शांति" आनी चाहिए जो कीव की संप्रभुता का सम्मान करती हो.
न्यूज एजेंसी एएफपी के हाथ अमेरिका के इस प्लान की ड्राफ्ट कॉपी लगी है और उसी के आधार पर उसने इसके डिटेल्स बताए हैं. चलिए आपको यहां बताते हैं कि अमेरिका के इस 28 प्वाइंट वाले शांति प्लान में क्या-क्या प्रस्ताव रखा गया है.
- यूक्रेन को अपनी जमीन देने को कहा गया है. यूक्रेन लुगांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्रों से हट जाएगा. यह दोनों क्षेत्र फ्रंटलाइन औद्योगिक बेल्ट है जिसे मिलाकर डोनबास के रूप में जाना जाता है और इसपर अभी भी यूक्रेन का आंशिक कब्जा है.
- इन दोनों क्षेत्रों के साथ साथ क्रीमिया (जिसे रूस ने 2014 में अपने कब्जे में ले लिया था) को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देनी होगी. अमेरिका भी इसको मान्यता देगा. डोनबास में एक विसैन्यीकृत (जहां कोई सेना नहीं होगी) क्षेत्र बनाया जाएगा.
- इसमें कहा गया है कि युद्धग्रस्त खेरसॉन और जापोरीजिया के दक्षिणी क्षेत्र - जिस पर रूस ने कब्जा करने का झूठा दावा किया है - को लाइन ऑफ कॉन्टैक्ट के पास ही फ्रीज कर दिया जाएगा. रूस की सेना ने यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर लिया है और इसका अधिकांश भाग वर्षों की लड़ाई से तबाह हो गया है.
- यूक्रेन अपने संविधान को बदलकर पश्चिमी देशों से रक्षा गठबंधन नाटो में शामिल नहीं होने का सपना हमेशा के लिए त्याग देगा. नाटो भी यूक्रेन में सेना तैनात नहीं करने पर सहमत होगा. साथ ही यूक्रेन अपनी सेना को आधे से थोड़ा कम करके 600,000 कर्मियों तक कर देगा.
- बदले में कहा गया है कि यूक्रेन को "विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी" प्राप्त होगी. "यूरोपीय लड़ाकू जेट" पड़ोसी पोलैंड में तैनात किए जाएंगे.
- यूक्रेन में 100 दिनों के अंदर चुनाव कराने होंगे. रूस ने इस साल की शुरुआत में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को "बिना चुनाव के तानाशाह" कहा था. ट्रंप भी चाहते हैं कि वहां चुनाव हो.
- रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से जोड़ा जाएगा और उसे G8 में वापस आने की अनुमति दी जाएगी. 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस को G8 से निकाल दिया गया था. अगर रूस ने यूक्रेन पर दोबारा हमला किया तो प्रतिबंध वापस लगा दिए जाएंगे.
ट्रंप के प्लान में बस पुतिन की चली है?
ट्रंप के इस शांति प्लान में रूस के लिए कोई बड़ा सैन्य प्रतिबंध नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार इसमें केवल इतना कहता है कि "उम्मीद है कि रूस पड़ोसी देशों पर आक्रमण नहीं करेगा." शांति प्लान की बातों को पढ़कर अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसे तैयार करने में रूस भी शामिल था. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि इसमें सभी पक्ष शामिल थे. जेलेंस्की ने गुरुवार को कीव में अमेरिकी सेना सचिव डेनियल ड्रिस्कॉल के नेतृत्व वाले पेंटागन प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की.
हालांकि एक्सियोस की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन को नाटो की तरह की सुरक्षा गारंटी भी मिलेगी. रिपोर्ट के अनुसार "यूक्रेन पर रूस द्वारा भविष्य में किए जाने वाले किसी भी 'महत्वपूर्ण, जानबूझकर और निरंतर सशस्त्र हमले' को ट्रान्साटलांटिक समुदाय की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वाला हमला माना जाएगा, और अमेरिका और उसके सहयोगी उसके अनुसार जवाब देंगे, जिसमें सैन्य बल भी शामिल है."
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