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This Article is From Sep 15, 2021

पंजशीर में तालिबान विरोधी ताकतों को मान्यता दे अमेरिका, अमेरिकी सांसदों ने रखी मांग

US Senate के सांसद माइक वाल्ट्ज और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक संयुक्त बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन से पंजशीर घाटी में विपक्षी ताकतों को मान्यता देने का आग्रह किया है

पंजशीर में तालिबान विरोधी ताकतों को मान्यता दे अमेरिका, अमेरिकी सांसदों ने रखी मांग
Taliban ने पंजशीर के बड़े इलाके पर जमा लिया है कब्जा
वाशिंगटन:

अमेरिका के कुछ सांसदों ने मांग की है कि बाइडेन सरकार अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी ताकतों (Anti Taliban Force)  को नैतिक समर्थन दे.तालिबान विरोधी गुट को नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट (National Resistance Front) के नाम से जाना जाता है.कांग्रेस सांसद माइक वाल्ट्ज और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक संयुक्त बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन से पंजशीर घाटी में विपक्षी ताकतों को मान्यता देने का आग्रह किया है.हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (US Secretary Of State) के कड़े बयान के बाद एक अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान (Pakistan) के प्रति नरम रुख अपनाया है. अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के खतरे के प्रति आगाह किया है.

सीनेटर (US Senator) ने कहा, “हम याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है और तालिबान का एक पाकिस्तानी संस्करण भी है जो पाकिस्तानी सरकार और सेना को गिराना चाहता है. इसलिए, अफगानिस्तान में किसी भी स्थायी समाधान में पाकिस्तान को शामिल किया. सीनेटर ने कहा कि ये बहुत खतरनाक वक्त है.

आम तौर पर पाकिस्तान तालिबान के नाम से कुख्यात तहरीक ए तालिबान अफगान-पाकिस्तान सीमा से संचालित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. उसने पूरे पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमले किए हैं. कहा जाता है कि पाकिस्तान में आतंकी हमलों के लिए टीटीपी ने अफगान धरती का इस्तेमाल किया है. काबुल पर कब्जे अफगानिस्तान में तालिबान ने कई कट्टर तालिबान आतंकवादियों को रिहा कर दिया गया है.

ग्राहम ने आगाह किया कि उन्होंने अफगानिस्तान में स्थिति के बारे में पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत से बात की है. अमेरिकी नागरिकों, हमारे सहयोगियों और अन्य देशों के लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद के लिए हम पाकिस्तानी सरकार के प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं. 

हालांकि पंजशीर वैली के ज्यादातर इलाके पर तालिबान विरोधी अहमद मसूद गुट औऱ पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह को हार का सामना करना पड़ा है. तालिबान ने बड़े इलाके पर कब्जा जमा लिया है औऱ दावा किया है कि रजिस्टेंस फ्रंट के कुछ तत्व पहाड़ी इलाके की ओर भाग गए हैं. 

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