यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण की शुरुआत से रूस (Russia) पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध (Western Sanctions) लगाए हैं. रूस के राष्ट्रपति पुतिन (Putin) ने इसे "यूक्रेन को सेनाविहीन" बनाने और "नाज़ी ताकतों को खत्म करने" का स्पेशल ऑपरेशन बताया. पश्चिमी देश इसे युद्ध का निर्थरक आधार मानते हैं. रूस में बढ़ते प्रतिबंधों और आर्थिक दंडों के कारण कई कंपनियों ने रूस में काम करना बंद कर दिया है. इसका सबसे बड़ा असर रूस की जनता की आम ज़िंदगी पर पड़ा है. रूस में महंगाई (Inflation) बढ़ गई है और कई संस्थानों में नौकरियां कम होने का खतरा बढ़ गया है. युद्ध (War) की शुरुआत से अब तक रूसी ज़िंदगी ऐसे बदली है. :-
1. महंगाई बढ़ी
रूस में खाने के तेल, चीनी और और दूसरी ज़रूरी चीजों के दाम प्रतिबंधों के बाद से ही बढ़ गए थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मास्को और दूसरे शहरों में दवाईयों की बिक्री को सीमित किया जा रहा है और जमाखोरी की भी खबरें आईं हैं. चीनी के दाम 20% तक बढ़ गए हैं.
2. रूबल की कीमत गिरी
रुस की मुद्रा रूबल यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद से ही गिरना शुरू हुई थी. एक यूरोपीय संघ के नागरिक, जैन ने बीबीसी को बताया कि 20 फरवरी को जो ग्रॉसरी का सामान 5,500 रूबल में आ जाता था वो अब 8,000 रूबल में आ रहा है.
3. रूस करेगा चीनी युआन का प्रयोग
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस विदेशी मुद्रा में डॉलर और यूरो रिजर्व का प्रयोग नहीं कर पा रहा है. इसके उपाय के तौर पर रूस विदेश मुद्रा के तौर पर चीनी मुद्रा युआन का प्रयोग करेगा. रूस के वित्त मंत्री अंटोन सिलुआनोव ने यह जानकारी दी.
4. स्मार्टफोन और लैपटॉप हुए महंगे
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस में स्मार्टफोन और लैपटॉप मंहगे हो गए हैं क्योंकि इनकी सप्लाई पर प्रतिबंध लग गए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन और टीवी के दाम 10% तक बढ़ गए हैं. रूस में अब नाइकी, एप्पल और आइकिया के सामान नहीं बिक रहे हैं.
5. रूस के बैंकिंग सिस्टम पर प्रभाव
रूस के वित्तीय संस्थानों को SWIFT अंतर्राष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम से हटा दिया गया है. इससे रूस में पेमेंट करना और रूस के बाहर पैसा पहुंचाना मुश्किल हो गया है. एप्पल, गूगल पे, मास्टरकार्ड, वीज़ा और दूसरे वित्तीय साधनों ने रूस में अपनी सेवाएं सीमित की हैं.
6. रूसी लोग खाने और कपड़ों पर कर रहे खर्चा
रूस के Promsvyazbank (PSB) के अनुसार रूस में प्रतिबंधों के बाद आम लोगों ने इलैक्ट्रॉनिक सामानों और दवाईयों की जमाखोरी करनी शुरू की और खाने और कपड़े पर मार्च के पहले हफ्ते में अधिक खर्चा किया. एक आम रूसी ने फरवरी में किए गए कुल औसत खर्चे की तुलना में मार्च के पहले हफ्ते में 21% अधिक खर्चा किया.
7. 1998 के बाद सबसे अधिक महंगाई
रूस के वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि फरवरी 25 को वार्षिक ग्राहक महंगाई की दर 9.05% थी जो 4 मार्च बढकर 10.42 हो गई. हफ्तावार महंगाई 0.45% से 2.22 % पर पहुंच गई जो 1998 के बाद सबसे अधिक है.
8. मीडिया पर लगी लगाम
रूस के कुछ स्वतंत्र मीडिया संस्थानों ने जब यूक्रेन के युद्ध पर रिपोर्टिंग की और रूस की आलोचना की तो उन्हें रूस की सरकार ने बंद कर दिया.
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