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This Article is From Apr 07, 2022

Explainer: Russia का Ruble प्रतिबंधों के बावजूद कैसे हो रहा मजबूत? Biden ने उड़ाया था मज़ाक...

Ukraine War: रूस (Russia) स्थानीय बाजार को स्थाई बनाने में सफल रहा है और डिफाल्टर होने से भी बचा है. इसका मतलब यह है कि जो सरकारें पुतिन (Putin) को सजा देने के लिए रूबल (Ruble) को नुकसान पहुंचाना चाह रहीं थीं, उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ेगा.

Explainer: Russia का Ruble प्रतिबंधों के बावजूद कैसे हो रहा मजबूत? Biden ने उड़ाया था मज़ाक...
Russia Ukraine War: प्रतिबंधों के बावजूद डॉलर की तुलना में Ruble कर रहा है वापसी

यूक्रेन युद्द (Ukraine War) शुरु होने के कुछ दिन बाद, रूस (Russia) की मुद्रा रूबल (Ruble) का गिरना प्रतिबंधों के असर से रूस की अर्थव्यवस्था गिरने का संकेत माना जा रहा था.  व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) के निर्णयों के कारण एक डॉलर 121.5 डॉलर तक का हो गया.  इससे 1998 के वित्तीय संकट की यादें ताजा हो गईं.  रूस के आर्थिक हालात इतने खराब लग रहे थे कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रूबल (Ruble) की हालत किसी मलबे (Rubble) जैसी हो गई है. ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, लेकिन अब फिर से रूस की मुद्रा का स्तर यूक्रेन पर आक्रमण से पहले के स्तर पर पहुंच गया है.  

मास्को में बुधवार को रूबल 79.7 प्रति डॉलर के हिसाब से बिका. यह स्पष्ट है कि रूसी सरकार और रूसी धनपतियों पर कई प्रतिबंधों के बावजूद उन पर कोई असर नहीं पड़ा है, और विदेशी अब भी रूसी तेल और प्राकृतिक गैस खरीद रहे हैं. जिसे रूबल मजबूत हो रहा है और पुतिन को ताकत मिल रही है.  

रूस की जारी है कमाई 

वैश्विक अर्थव्यवस्था से अधिकतर कटे रहने के बावजूद ब्लूमबर्ग के अर्थविशेषज्ञों का अनुमान है कि रूस करीब अपने ऊर्जा निर्यात से इस साल  $321 बिलियन कमाएगा जो 2021 की कमाई से करीब एक तिहाई अधिक होगा.  

रूबल की रिकवरी से पुतिन रूस में अपनी बड़ी जीत साबित कर सकते हैं. जहां कई लोग देश की उपर-नीचे होती अर्थव्यवस्था से परेशान हो रहे हैं और सेना के यूक्रेन में  पस्त हो रही है. दुनिया भर में रूस की क्रूरता की निंदा भी हो रही है.

जनरल इंश्योरेंस एसेट मैनेजमेंट (Generali Insurance Asset Management) के वरिष्ठ मार्केट स्ट्रेटजिस्ट गुईलाउमे ट्रेस्का ( Guillaume Tresca) ने कहा कि नेताओं के लिए यह कहना अच्छा हथियार है कि प्रतिबंधों का कोई असर नहीं हुआ और इससे महंगाई भी काबू में आएगी.  

रूस आर्थिक संकट से कैसे निपटता है?

रूसी लोग डॉलर की तुलना में अपनी मुद्रा के गिरने को गंभीरता से लेते हैं. जब रूस ने 1998 में डिफॉल्ट किया था तो रूस की में महंगाई का स्तर काफी बढ़ गया था और रूबल धराशाई हो गया था. जब वो संकट खत्म हुआ तो 2008 के संकट में रूसी अधिकारियों ने रुबल को गिरने से बचाने के लिए कई बिलियन डॉलर जला दिए थे. लेकिन रूस की गवर्नर एल्वीरा नाबियुलीना ने 2014 में क्रीमिया को छीने जाने के बाद खतरा मोल लिया और इसके बाद लगे प्रतिबंधों के और गिरते तेल के दामों के बावजूद मुक्त मुद्रा को बढ़ावा दिया.  

इस साल के प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने कैपिटल कंट्रोल लगा दिया था जिससे रूबल को संबल मिला.  इसमें गैरनिवासी निवेशकों की संपत्तियों को फ्रीज़ किया गया और रूसी कंपियों से कहा गया कि वो अपनी 80% विदेशी मद्रा को रूबल में बदल लें. 

इसके बाद रूस रूस स्थानीय बाजार को स्थाई बनाने में सफल रहा है और डिफाल्टर होने से भी बचा है. इसका मतलब यह है कि जो सरकारें पुतिन को सजा देने के लिए रूबल को नुकसान पहुंचाना चाह रहीं थीं, उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ेगा. इसी हफ्ते अमेरिकी ट्रेजरी ने कर्ज चुकाने के लिए अमेरिकी बैंकों में मौजूद रूसी अकाउंट्स से डॉलर में भुगतान पर रोक लगा दी है. यह एक प्रयास है कि रूस या तो अपना घरेलू डॉलर का रिजर्व खाली करे या डिफॉल्टर बन जाए.  

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