यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में मास्को समर्थित विद्रोह के फैलने से पूर्व सोवियत गणराज्य के विघटन के खतरे के मद्देनजर अंतरिम राष्ट्रपति ओलकसंदर तुरचीनोव ने एक आदेश में तत्काल प्रभाव से फिर सेना में अनिवार्य भर्ती शुरू करने को कहा है।
तुरचीनोव के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में बदतर होते हालात...रूस समर्थित सशस्त्र बलों की बढ़ोतरी और सरकारी प्रशासनिक इमारतों पर कब्जे के बीच यह कदम उठाया गया है...। बयान में कहा गया, दरअसल, देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हो गया है।
उधर, दोनेत्स्क में करीब 300 उग्रवादियों ने अभियोजक की 6 मंजिला इमारत पर बम फेंके और पथराव किया, दंगारोधी पुलिस के कई जवानों को पीटा और उनकी लाठियां तथा अवरोधक छीन लिए। दोनेत्स्क और क्रीमिया में रूस समर्थक रैलियां भी निकाली गईं। यूक्रेन की संसद ने 17 अप्रैल को मतदान कर कार्यवाहक राष्ट्रपति से यूक्रेन में सशस्त्र बल में सेना की अनिवार्य भर्ती बगैर किसी देर के दोबारा शुरू करने की सिफारिश की थी, ताकि रूसी संघ द्वारा आक्रमण किए जाने की स्थिति में यूक्रेन की रक्षा क्षमताएं बढ़ाई जा सके।
इस बीच, दोनेत्स्क से प्राप्त एपी की खबर के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को देश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटा लेनी चाहिए, जहां सरकार विरोधी विद्रोही इमारतों पर कब्जा कर रहे हैं।