
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोग़ान मीडिया से बात करते हुए
- राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने कहा इसकी भारी कीमत चुकानी होगी
- कोई भी ताकत राष्ट्रीय इच्छाशक्ति से ऊपर नहीं : एर्दोग़ान
- सेना प्रमुख के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं : एर्दोग़ान
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
अंकारा:
तुर्की में सेना के एक समूह द्वारा तख़्तापलट की कोशिशों के बीच राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान ने कहा है कि वह लोगों के साथ हैं और वह कहीं नहीं जा रहे हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति एर्दोग़ान तुर्की के समुद्री किनारे मरमरीस पर छुट्टी बिताने गए हुए थे और कुछ देर पहले ही वह इस्तांबुल पहुंचे जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तख्तापलट की कोशिश को देशद्रोही करार दिया। एर्दोग़ान ने इसे गुलानी समर्थकों की साज़िश बताया और कहा कि देश को इस स्थिति में डालने वालों का भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कोई भी ताकत राष्ट्रीय इच्छाशक्ति से ऊपर नहीं है।

एर्दोग़ान ने कहा कि 'जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, वही इंचार्ज है। जिस सरकार को लोग सत्ता में लेकर आए, वह अभी भी इंचार्ज है। जब तक हम अपना सब कुछ दाव पर लगाकर उनके खिलाफ खड़े हैं, तब तक वह कामयाब नहीं हो सकते।'
----- ----- ----- ----- ----- -----
चार बार हो चुका है तख़्तापलट
----- ----- ----- ----- ----- -----
सेना प्रमुख बंदी
राष्ट्रपति ने साफ किया कि उन्हें सेना प्रमुख के ठिकाने के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। बता दें कि राजधानी अंकारा स्थित सैन्य मुख्यालय में चीफ ऑफ मिलिटरी स्टाफ को बंदी बना लिया गया है। तुर्की के सैन्य बलों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने और मानवाधिकार संरक्षित रखने के लिए सत्ता अपने हाथ में ले ली है।
----- ----- ----- -----
दस ख़ास बातें
----- ----- ----- -----
इससे पहले समाचारॉ एजेंसी यटर्स के हवाले से राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान के सुरक्षित होने की ख़बर आई थी। राष्ट्रपति कार्यालय ने एर्दोग़ान के ठिकाने का तो कोई खुलासा नहीं किया था लेकिन इतना बताया कि वह सुरक्षित स्थान पर हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि एर्दोग़ान ने नागरिकों से सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरने को कहा है। एर्दोग़ान ने फेसटाइम के जरिये सीएनएन-तुर्क से बातचीत में सेना की इस कोशिश को सैन्य बलों के एक धड़े की बगावत करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि, 'मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी।'

एर्दोग़ान ने कहा कि 'जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, वही इंचार्ज है। जिस सरकार को लोग सत्ता में लेकर आए, वह अभी भी इंचार्ज है। जब तक हम अपना सब कुछ दाव पर लगाकर उनके खिलाफ खड़े हैं, तब तक वह कामयाब नहीं हो सकते।'
----- ----- ----- ----- ----- -----
चार बार हो चुका है तख़्तापलट
----- ----- ----- ----- ----- -----
सेना प्रमुख बंदी
राष्ट्रपति ने साफ किया कि उन्हें सेना प्रमुख के ठिकाने के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। बता दें कि राजधानी अंकारा स्थित सैन्य मुख्यालय में चीफ ऑफ मिलिटरी स्टाफ को बंदी बना लिया गया है। तुर्की के सैन्य बलों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने और मानवाधिकार संरक्षित रखने के लिए सत्ता अपने हाथ में ले ली है।
----- ----- ----- -----
दस ख़ास बातें
----- ----- ----- -----
इससे पहले समाचारॉ एजेंसी यटर्स के हवाले से राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान के सुरक्षित होने की ख़बर आई थी। राष्ट्रपति कार्यालय ने एर्दोग़ान के ठिकाने का तो कोई खुलासा नहीं किया था लेकिन इतना बताया कि वह सुरक्षित स्थान पर हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि एर्दोग़ान ने नागरिकों से सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरने को कहा है। एर्दोग़ान ने फेसटाइम के जरिये सीएनएन-तुर्क से बातचीत में सेना की इस कोशिश को सैन्य बलों के एक धड़े की बगावत करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि, 'मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तुर्की, तुर्की में तख्तापलट, रजब तैयब एर्दोगान, सैन्य तख्तापलट, Turkey, Turkey Coup, Recep Tayyip Erdogan