इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम के उल्लंघन और दो भारतीय सैनिकों की हत्या को लेकर भारत की ओर से की गई कड़ी प्रतिक्रिया पर ‘गहरी चिंता’ जाहिर करते हुए कहा है कि संवाद प्रक्रिया को घरेलू राजनीति का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए।
पाकिस्तानी विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने संवाददाताओं से कहा, किसी भी कदम के लिए हमें मददगार माहौल बनाने की जरूरत होती है। अगर आप उम्मीद करते हैं कि कश्मीर मसले का हल आज निकल जाएगा तो यह मुमकिन नहीं है। दोनों देशों के बीच अविश्वास के स्तर को कम करने की जरूरत है। वह बीते पांच साल के कार्यकाल के दौरान सरकार की विदेश नीति की उपलब्धियों के बारे में बात कर रही थीं। पीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल आगामी 16 मार्च को पूरा हो रहा है।
हिना रब्बानी ने कहा कि इस सरकार ने भारत को लेकर बनी बीते छह दशक की शत्रुता को काफी हद तक खत्म किया और विश्वास बहाली की नीति की शुरुआत की ताकि सभी मुद्दों के समाधान के लिए माहौल बनाया जा सके।
हिना रब्बानी ने कहा, हमने फैसला किया कि इस समय माहौल और सोच को बदलने तथा मित्रता एवं विश्वास बहाली के निर्माण पर ध्यान देने करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में विकास के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में भागीदार बनना चाहिए।
पाकिस्तानी विदेशमंत्री ने कहा कि भारत को लेकर रुख में बदलाव एक बड़ा संकेत यह है कि व्यापारिक संबंध को सामान्य बनाने के लिए बीते 40 साल से चली आ रही नीति को ही बदल दिया गया।
इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि लोगों को कश्मीर जैसे मुद्दों का समाधान निकट भविष्य में होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
पाकिस्तानी विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने संवाददाताओं से कहा, किसी भी कदम के लिए हमें मददगार माहौल बनाने की जरूरत होती है। अगर आप उम्मीद करते हैं कि कश्मीर मसले का हल आज निकल जाएगा तो यह मुमकिन नहीं है। दोनों देशों के बीच अविश्वास के स्तर को कम करने की जरूरत है। वह बीते पांच साल के कार्यकाल के दौरान सरकार की विदेश नीति की उपलब्धियों के बारे में बात कर रही थीं। पीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल आगामी 16 मार्च को पूरा हो रहा है।
हिना रब्बानी ने कहा कि इस सरकार ने भारत को लेकर बनी बीते छह दशक की शत्रुता को काफी हद तक खत्म किया और विश्वास बहाली की नीति की शुरुआत की ताकि सभी मुद्दों के समाधान के लिए माहौल बनाया जा सके।
हिना रब्बानी ने कहा, हमने फैसला किया कि इस समय माहौल और सोच को बदलने तथा मित्रता एवं विश्वास बहाली के निर्माण पर ध्यान देने करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में विकास के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में भागीदार बनना चाहिए।
पाकिस्तानी विदेशमंत्री ने कहा कि भारत को लेकर रुख में बदलाव एक बड़ा संकेत यह है कि व्यापारिक संबंध को सामान्य बनाने के लिए बीते 40 साल से चली आ रही नीति को ही बदल दिया गया।
इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि लोगों को कश्मीर जैसे मुद्दों का समाधान निकट भविष्य में होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
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