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This Article is From Oct 04, 2015

भारतीय सीमा से दाखिल हुए माल से लदे ट्रक, नेपाल को मिली राहत

भारतीय सीमा से दाखिल हुए माल से लदे ट्रक, नेपाल को मिली राहत
काठमांडू: आवश्यक वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों से लदे 100 से ज्यादा ट्रक रविवार को नेपाल में दाखिल हुए, जिससे ईंधन एवं अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी से जूझ रहे इस देश को थोड़ी राहत मिली। नए संविधान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भारत के साथ लगी व्यापारिक चौकियों को बंद कर दिया था, जिससे सामान से लदे ट्रक देश में प्रवेश नहीं कर पा रहे थे और जरूरी वस्तुओं की कमी हो गई थी।

कुछ ईंधन टैंकरों सहित माल से लदे कई ट्रक विभिन्न सीमा चौकियों से नेपाल में पहुंचे जो नए संविधान के खिलाफ मधेसी आंदोलन के चलते सुरक्षा कारणों से पिछले ग्यारह दिनों से फंसे हुए थे। कई ट्रकों पर दवाइयां, गैसोलीन, रसोई गैस लदी हैं।

50 से ज्यादा ट्रक भैरवा सुनौली चौकी से रविवार को नेपाल में दाखिल हुए, जबकि ईंधन टैंकरों सहित दर्जनों ट्रक बिराटनगर-जोगानी व्यापारिक रास्ते से हिमालयी राष्ट्र पहुंचे। शनिवार को 140 मालवाहक ट्रक, छह ईंधन टैंकर और दो एलपीजी बुलेट भैरवा सुनौली के रास्ते नेपाल में दाखिल हुए थे।

अधिकारियों के अनुसार नेपाल और भारत के बीच एक बड़े प्रवेश मार्ग रक्सौल बीरगंज पर अब भी बाधा बनी हुई है। भारत-नेपाल सीमा पर नाकेबंदी के चलते काठमांडू और अन्य बड़े शहरों में लोगों का जीवन बड़ा कठिन हो गया था, क्योंकि पांच बड़े प्रवेश मार्ग प्रदर्शन के कारण पिछले 11 दिनों से बंद थे।

भारत ने इन अफवाहों का खंडन किया है कि उसने नेपाल को आपूर्ति पर रोक लगा दी है और उसने कहा कि बाधा उस देश में प्रदर्शन एवं अशांति की वजह से पहुंची, क्योंकि भारतीय कंपनियों एवं ट्रांसपोर्टरों को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है। नेपाली अधिकारियों के अनुसार इस बीच नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय ने रविवार को प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से शिष्टाचार भेंट की और नेपाल को आपूर्ति की बहाली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

सरकारी नेपाल टेलीविजन के अनुसार भेंट के दौरान राय ने प्रधानमंत्री को रविवार से आपूर्ति स्थिति आसान होने का आश्वासन दिया। भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा है कि चूंकि पिछले कुछ दिनों से परिवहन बाधित रहा है, ऐसे में आपूर्ति सामान्य होने में कुछ वक्त लगेगा।

अधिकारियों के अनुसार वन मंत्री महेश आचार्य की अगुवाई में सरकारी टीम और बिजय कुमार गछादर की अगुवाई में फेडरल डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।

मधेसी, थारू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच एक महीने से भी ज्यादा समय तक चली झड़प में कम से कम 40 लोगों की जान चली गई। मधेसी भारत की सीमा से सटे तराई क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के लोग हैं और वे नेपाल को सात प्रांतों में बांटने के खिलाफ हैं।

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