इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के पूर्वी शहर गुजरांवाला में गुरुवार दोपहर सेना की एक ट्रेन के चार डिब्बे नहर में जा गिरे। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे में चार लोगों के लापता होने की भी खबर है।
डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सेना की एक विशेष ट्रेन गुजरांवाला के जमकी चट्टा इलाके में स्थित एक पुल से गुजर रही थी, तभी पुल ढह गया। गुजरांवाला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। सेना की इस विशेष ट्रेन में 21 मालवाहक डिब्बे और छह सवारी डिब्बे लगे थे, जिनमें से चार नहर में जा गिरे।
मीडिया रिपर्ट के मुताबिक ट्रेन पाकिस्तान सेना के सामान को खारियान छावनी शहर से पानो अकील शहर स्थानांतरित कर रही थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक तीन डिब्बों के यात्रियों को बचा लिया गया, जबकि चौथा डिब्बा नहर की गहराई में डूब गया, जिसके कारण उस तक पहुंचा नहीं जा रहा है।
रिपर्ट के मुताबिक सौनिकों और उनके परिजनों सहित 20-30 लोग जलमग्न डिब्बे में फंसे हुए हैं। सेना के गोताखोर डिब्बे की छत काटकर फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच सिंचाई विभाग ने नहर में पानी के बहाव को रोक दिया है। नहर में भरे पानी को घटने में तीन घंटे का समय लगेगा। इसके बाद बचाव अभियान में तेजी लाई जाएगी।
पाकिस्तानी सेना के मुखपत्र इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने पांच लोगों के मरने और चार लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। आईएसपीआर ने कहा कि ट्रेन सेना के जवानों और उनके परिजनों को लेकर जा रही थी। इसके साथ ही बताया गया है कि नहर में गिरे डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए बचाव दल कठिन प्रयास कर रहे हैं।
इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों को शहर के सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस दुर्घटना में राहत एवं बचाव कार्य का पूरा जिम्मा पाकिस्तानी सेना ने ले लिया है। इस बचाव अभियान में चार हेलीकॉप्टर और एक क्रेन तैनात किए गए हैं।
रेलमंत्री ख्वाजा साद रफीक ने कहा कि ट्रेन में अथवा पुल में कोई प्रत्यक्ष कमी नजर नहीं आती, इसीलिए इस घटना के पीछे आतंकवादियों का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। रफीक ने कहा कि सुबह के समय इसी पुल से एक सवारी गाड़ी निकली थी और उस दौरान पुल में कमी का कोई मामला सामने नहीं आया, बल्कि यह पूरी तरह से काम कर रहा था।
उन्होंने बताया कि हादसे की जांच के लिए उन्होंने एक समिति का गठन कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राहत कार्य का जायजा लेने के लिए वह स्वयं घटनास्थल की ओर जा रहे हैं। क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी फैसल शाहकार ने कहा कि उन्हें घटनास्थल से किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला है। उनके मुताबिक, पुल 100 साल पुराना है और वह जीर्ण-शीर्ण हालत में था।
चिकित्साकर्मियों और तकनीकी कर्मचारियों को लेकर एक राहत ट्रेन लाहौर से घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और रेलवे अधिकारियों को घटनास्थल के लिए रावाना होने का आदेश दिया। उन्होंने रेल यातायात बहाल करने के लिए जल्द से जल्द रेलमार्ग की मरम्मत करने के आदेश दिए हैं।
डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सेना की एक विशेष ट्रेन गुजरांवाला के जमकी चट्टा इलाके में स्थित एक पुल से गुजर रही थी, तभी पुल ढह गया। गुजरांवाला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। सेना की इस विशेष ट्रेन में 21 मालवाहक डिब्बे और छह सवारी डिब्बे लगे थे, जिनमें से चार नहर में जा गिरे।
मीडिया रिपर्ट के मुताबिक ट्रेन पाकिस्तान सेना के सामान को खारियान छावनी शहर से पानो अकील शहर स्थानांतरित कर रही थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक तीन डिब्बों के यात्रियों को बचा लिया गया, जबकि चौथा डिब्बा नहर की गहराई में डूब गया, जिसके कारण उस तक पहुंचा नहीं जा रहा है।
रिपर्ट के मुताबिक सौनिकों और उनके परिजनों सहित 20-30 लोग जलमग्न डिब्बे में फंसे हुए हैं। सेना के गोताखोर डिब्बे की छत काटकर फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच सिंचाई विभाग ने नहर में पानी के बहाव को रोक दिया है। नहर में भरे पानी को घटने में तीन घंटे का समय लगेगा। इसके बाद बचाव अभियान में तेजी लाई जाएगी।
पाकिस्तानी सेना के मुखपत्र इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने पांच लोगों के मरने और चार लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। आईएसपीआर ने कहा कि ट्रेन सेना के जवानों और उनके परिजनों को लेकर जा रही थी। इसके साथ ही बताया गया है कि नहर में गिरे डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए बचाव दल कठिन प्रयास कर रहे हैं।
इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों को शहर के सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस दुर्घटना में राहत एवं बचाव कार्य का पूरा जिम्मा पाकिस्तानी सेना ने ले लिया है। इस बचाव अभियान में चार हेलीकॉप्टर और एक क्रेन तैनात किए गए हैं।
रेलमंत्री ख्वाजा साद रफीक ने कहा कि ट्रेन में अथवा पुल में कोई प्रत्यक्ष कमी नजर नहीं आती, इसीलिए इस घटना के पीछे आतंकवादियों का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। रफीक ने कहा कि सुबह के समय इसी पुल से एक सवारी गाड़ी निकली थी और उस दौरान पुल में कमी का कोई मामला सामने नहीं आया, बल्कि यह पूरी तरह से काम कर रहा था।
उन्होंने बताया कि हादसे की जांच के लिए उन्होंने एक समिति का गठन कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राहत कार्य का जायजा लेने के लिए वह स्वयं घटनास्थल की ओर जा रहे हैं। क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी फैसल शाहकार ने कहा कि उन्हें घटनास्थल से किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला है। उनके मुताबिक, पुल 100 साल पुराना है और वह जीर्ण-शीर्ण हालत में था।
चिकित्साकर्मियों और तकनीकी कर्मचारियों को लेकर एक राहत ट्रेन लाहौर से घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और रेलवे अधिकारियों को घटनास्थल के लिए रावाना होने का आदेश दिया। उन्होंने रेल यातायात बहाल करने के लिए जल्द से जल्द रेलमार्ग की मरम्मत करने के आदेश दिए हैं।
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