हाल ही में सैन्य मुकाबलों में मिली कुछ हारों की वजह से आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट बैकफुट पर है, और इस वजह से उसके लिए काम कर रहे जो विदेशी लड़ाके अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं, वे विशेषज्ञों के मुताबिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं.
फ्रांस के शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि कट्टर बनाए जा चुके ये लोग, जिन्हें अक्सर हथियारों और विस्फोटकों से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है, दरअसल एक 'टाइमबम' साबित हो सकते हैं, जब ये इस्लामिक स्टेट और सीरिया को छोड़कर घर लौटते हैं.
उनके मुताबिक, यह खतरा सबसे ज़्यादा फ्रांस के लिए है, जिस पर पिछले एक साल में उन जिहादियों ने कई हमले किए हैं, जो आईएस और सीरिया तथा इराक में बिताए वक्त की वजह से ज़्यादा क्रूर हो चुके हैं.
फ्रांस के शीर्ष आतंकवाद-विरोधी अभियोजक फ्रैंकॉयस मॉलिन्स (Francois Molins) ने दैनिक समाचारपत्र 'ले मॉन्ड' (Le Monde) से कहा, "कभी न कभी हमें बहुत बड़ी संख्या में फ्रांसीसी लड़ाकों और उनके परिवारों के घर लौटने का सामना करना ही पड़ेगा..."
पिछले ही सप्ताह प्रधानमंत्री मैनुअल वॉल्स (Manuel Valls) ने कहा था, "इराक और सीरिया में इस वक्त लगभग 700 जिहादी मौजूद हैं, जो या तो फ्रांसीसी हैं, या फ्रांस के रहने वाले हैं..."
उन्होंने कहा था, "उनकी वापसी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा करेगी... हमें पलटवार करने के लिए तैयारी करनी होगी... और यह लड़ाई काफी लंबी चलने वाली है..."
बहुत-से अन्य देशों की ही तरह फ्रांस ने भी घर लौटते आतंकवादियों से जुड़े कानूनों को सख्त कर दिया है. सीरिया की यात्रा करने गए लोगों को खुफिया एजेंसियों द्वारा ट्रैक किए जाने के बाद संदिग्धों की पहचान की गई, और अब उन्हें घर लौटने पर गिरफ्तार किया जा रहा है. कइयों के मामलों में सुनवाई भी हो चुकी है, और कैद की सज़ाएं सुनाई गई हैं.
अभियोजक फ्रैंकॉयस मॉलिन्स ने कहा, "इस वक्त लगभग 1,000 व्यक्तियों के खिलाफ इस्लामिक आतंकवाद को लेकर जांच की जा रही है..." लगभग 280 के खिलाफ आरोपपत्र दायर हो चुके हैं, जिनमें से 167 मामलों में कैद की सज़ाएं सुनाई जा चुकी हैं.
फ्रांस के शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि कट्टर बनाए जा चुके ये लोग, जिन्हें अक्सर हथियारों और विस्फोटकों से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है, दरअसल एक 'टाइमबम' साबित हो सकते हैं, जब ये इस्लामिक स्टेट और सीरिया को छोड़कर घर लौटते हैं.
उनके मुताबिक, यह खतरा सबसे ज़्यादा फ्रांस के लिए है, जिस पर पिछले एक साल में उन जिहादियों ने कई हमले किए हैं, जो आईएस और सीरिया तथा इराक में बिताए वक्त की वजह से ज़्यादा क्रूर हो चुके हैं.
फ्रांस के शीर्ष आतंकवाद-विरोधी अभियोजक फ्रैंकॉयस मॉलिन्स (Francois Molins) ने दैनिक समाचारपत्र 'ले मॉन्ड' (Le Monde) से कहा, "कभी न कभी हमें बहुत बड़ी संख्या में फ्रांसीसी लड़ाकों और उनके परिवारों के घर लौटने का सामना करना ही पड़ेगा..."
पिछले ही सप्ताह प्रधानमंत्री मैनुअल वॉल्स (Manuel Valls) ने कहा था, "इराक और सीरिया में इस वक्त लगभग 700 जिहादी मौजूद हैं, जो या तो फ्रांसीसी हैं, या फ्रांस के रहने वाले हैं..."
उन्होंने कहा था, "उनकी वापसी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा करेगी... हमें पलटवार करने के लिए तैयारी करनी होगी... और यह लड़ाई काफी लंबी चलने वाली है..."
बहुत-से अन्य देशों की ही तरह फ्रांस ने भी घर लौटते आतंकवादियों से जुड़े कानूनों को सख्त कर दिया है. सीरिया की यात्रा करने गए लोगों को खुफिया एजेंसियों द्वारा ट्रैक किए जाने के बाद संदिग्धों की पहचान की गई, और अब उन्हें घर लौटने पर गिरफ्तार किया जा रहा है. कइयों के मामलों में सुनवाई भी हो चुकी है, और कैद की सज़ाएं सुनाई गई हैं.
अभियोजक फ्रैंकॉयस मॉलिन्स ने कहा, "इस वक्त लगभग 1,000 व्यक्तियों के खिलाफ इस्लामिक आतंकवाद को लेकर जांच की जा रही है..." लगभग 280 के खिलाफ आरोपपत्र दायर हो चुके हैं, जिनमें से 167 मामलों में कैद की सज़ाएं सुनाई जा चुकी हैं.
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