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This Article is From Jul 04, 2017

इस्राइल में गुलदाउदी के फूल का नाम 'मोदी' हुआ, पीएम ने किया दांजिगेर फार्म का दौरा

करीब 80 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले फार्म की आधुनिक ग्रीन हाउसों में पौधों के पुन: उत्पादन के क्षेत्र में विशेषज्ञता

इस्राइल में गुलदाउदी के फूल का नाम 'मोदी' हुआ, पीएम ने किया दांजिगेर फार्म का दौरा
इस्राइल में दांजिगेर फ्लावर फार्म में गुलदाउदी के फूल का नामकरण 'मोदी' किया गया.
नई दिल्ली: इस्राइल में गुलदाउदी फूल की एक नस्ल का नामकरण पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर 'मोदी' किया गया है. मोदी को मंगलवार को इस फूल का पहला गुलदस्ता भेंट किया गया. पीएम मोदी ने इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिशहमार हाशिवा में दांजिगेर (दान) फूलों के फार्म का दौरा किया.

फार्म में मोदी को बागवानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी दी गई. दांजिगेर फ्लॉवर फार्म इस्राइल की एक प्रमुख बागवानी कंपनियों में से एक है जो करीब 80 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले फार्म में आधुनिक ग्रीन हाउसों में पौधों के पुन: उत्पादन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती है.

प्रधानमंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ''कृषि पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुरुआत .... प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दांजिगेर फ्लॉवर फार्म का दौरा किया.'' एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ''दांजिगेर फ्लॉवर फार्म में इस्राइली सरकार ने आधुनिक कृषि तकनीकें दिखाईं.''  कहा गया कि ''एक अन्य विशेष बात यह रही कि इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ फ्लॉवर फार्म गए.'' इस फार्म की स्थापना 1953 में की गई थी जो मध्य इस्राइल में यरूशलम से करीब 56 किलोमीटर दूर मोशाव मिशहमार में स्थित है.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि हवाईअड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद पीएम नरेंद्र मोदी नेतन्याहू और कृषि मंत्री यूरी ऐरियल के साथ इस फार्म को देखने पहुंचे. इस फार्म का मोदी का दौरा इस बात को दर्शाता है कि भारत के साथ इस्राइल के करीबी सहयोग में कृषि तकनीक में उसकी विशेषज्ञता एक महत्वपूर्ण कारक है.

एक छोटे से पारिवारिक बिजनेस से शुरुआत के बाद दांजिगेर फ्लॉवर कंपनी अस्तित्व में आई जिसमें 200 कर्मचारी काम करते हैं. यह परिवार शुरुआत में कट फ्लॉवर को उगाने और बेचने का काम करता था. आज इस फार्म में स्थानीय बाजार और पूरी दुनिया में 60 से अधिक देशों के लिए पौधों और कलमों का उत्पादन किया जाता है.

इससे पूर्व, मोदी का इस्राइल के शीर्ष नेतृत्व ने स्वागत किया जिसे 'सीगल एल्फ' के नाम से जाना जाता है. इस प्रकार का सम्मान अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप जैसी बड़ी हस्तियों को ही दिया जाता है.

मोदी की यह इस्राइल की बतौर प्रधानमंत्री पहली यात्रा है. इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेता आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों पर चर्चा के साथ ही आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे .
(इनपुट एजेंसियों से भी)

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